BBC Documentary Controversy: चीनी कंपनी से पैसे लेकर पीएम मोदी की छवि खराब कर रही बीबीसी, बीजेपी सांसद का बड़ा आरोप

BBC Documentary Controversy: बीजेपी के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने विवादित डॉक्यूमेंट्री को लेकर ब्रिटिश मीडिया संस्थान बीबीसी पर हमला बोला है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-02-01 12:04 IST

Senior advocate Mahesh Jethmalani (PHOTO: social media )

BBC Documentary Controversy: बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' पर देश में इन दिनों घमासान मचा हुआ है। दिल्ली समेत देश के कई राज्यों की यूनिवर्सिटियों में डॉक्यूमेंट्री को लेकर खूब बवाल हो चुका है। डॉक्यूमेंट्री न दिखाने को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी पार्टियां आमने-सामने है। इस बीच बीजेपी के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने विवादित डॉक्यूमेंट्री को लेकर ब्रिटिश मीडिया संस्थान बीबीसी पर हमला बोला है। उन्होंने मीडिया संस्थान पर चीनी कंपनी से पैसा लेकर प्रधानमंत्री की छवि खराब करने का आरोप लगाया है।

जेठमलानी ने ट्वीट कर कहा, बीबीसी इतना भारत विरोधी क्यों है ? BBC का भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने का एक लंबा इतिहास रहा है। 2021 में उसने बिना जम्मू कश्मीर का भारत का नक्शा जारी कर दिया था। बाद में उसने भारत सरकार से माफी मांगी थी और नक्शे को सही किया था।

चीनी कंपनी से पैसा लेने का आरोप

दिवंगत दिग्गज वकील राम जेठमलानी के बेटे महेश जेठमलानी ने एक ब्रिटिश मीडिया संस्थान की रिपोर्ट शेयर करते हुए बीबीसी पर सवाल उठाते हुए कहा, बीबीसी इतना भारत विरोधी क्यों है ? क्योंकि उसे भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने के लिए पैसों की सख्त जरूरत है और इसके लिए उसे चीन सरकार से लिंक कंपनी हुआवेई से पैसे मिलते हैं। उन्होंने आगे लिखा, बीबीसी बिकाऊ है।

कई यूनिवर्सिटियों में हो चुका बवाल

बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर दिल्ली की जेनएयू, जामिया, डीयू और अंबेडकर विश्वविद्याय में काफी हंगामा हो चुका है। इसके अलावा हैदराबाद यूनिवर्सिटी, पंजाब यूनिवर्सिटी, पुडुचेरी विश्वविद्यालय और मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) में बवाल हो चुका है।

बता दें कि बीबीसी ने 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' नामक अपनी विवादित डॉक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड 17 जनवरी को रिलीज किया था। इसमें साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका होने का दावा किया गया था। दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को रिलीज होना था लेकिन इससे पहले ही केंद्र सरकार ने इसके पहले एपिसोड को यूट्यूब से हटवा दिया था और सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर इसकी शेयरिंग पर रोक लगा दी। हालांकि, यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है, जिस पर 6 फरवरी को सुनवाई होगी।

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