Shankaracharya Akhand Bharat Yatra: थाईलैंड और कंबोडिया से गोवर्धन लौटे जगद्गुरु अधोक्षजानंद, सनातनियों में दिखा गजब का उल्लास

Shankaracharya Akhand Bharat Yatra: 12 ज्योतिर्लिंगों एवं 52 शक्तिपीठों की यात्रा के अंतर्गत अखण्ड भारत के भ्रमण पर निकले गोवर्धन पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ थाईलैंड और कंबोडिया की या़त्रा सम्पन्न कर आज गोवर्धन स्थित शंकराचार्य आश्रम पहुंचे। दोनों देशों में हुए अभूतपूर्व स्वागत से जगद्गुरु बेहद खुश दिखे।

Report :  Mathura Bharti
Update:2024-01-07 20:05 IST

शंकराचार्य की अखण्ड भारत यात्रा: थाईलैंड और कंबोडिया से गोवर्धन लौटे जगद्गुरु अधोक्षजानंद: Photo- Newstrack

Shankaracharya Akhand Bharat Yatra: 12 ज्योतिर्लिंगों एवं 52 शक्तिपीठों की यात्रा के अंतर्गत अखण्ड भारत के भ्रमण पर निकले गोवर्धन पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ थाईलैंड और कंबोडिया की या़त्रा सम्पन्न कर आज गोवर्धन स्थित शंकराचार्य आश्रम पहुंचे। दोनों देशों में हुए अभूतपूर्व स्वागत से जगद्गुरु बेहद खुश दिखे।

शंकराचार्य आश्रम पहुंचने पर जगद्गुरु अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने बताया कि थाईलैंड और कंबोडिया सहित अखण्ड भारत के 18 देशों में भारतीय सांस्कृतिक चेतना बड़ी तेजी से फैल रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत सरकार की मौजूदा नीतियों के चलते अखण्ड भारत के सभी देश राजनीतिक एकीकरण की दिशा में भी शीघ्र ही उन्मुख होंगे।

दोनों देशों में शंकराचार्य का हुआ अभूतपूर्व स्वागत, सनातनियों में दिखा गजब का उल्लास

जगद्गुरु के साथ थाईलैंड और कंबोडिया की यात्रा से लौटी संतों और विद्वानों की टीम ने बताया कि अखण्ड भारत यात्रा के क्रम में थाईलैंड पहुंचने पर बैंकाक के सुवर्ण भूमि हवाई अड्डे पर भारतवंसियों ने शंकराचार्य का जोरदार स्वागत किया। सनातन धर्म के जयघोष से पूरा श्यामदेश गुंजायमान हो गया।

संतों ने बताया कि जगद्गुरु शंकराचार्य देवतीर्थ जी महाराज थाईलैंड में बैंकाक स्थित संघ के मुख्यालय भी गये। वहां थाईलैंड के प्रचारक प्रमुख समेत क्षेत्र में सेवारत स्वयंसेवकों ने माल्यार्पण कर शंकराचार्य का स्वागत किया। जगद्गुरु ने भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित किया और भारत माता का जयघोष हुआ। शंकराचार्य ने सभी को आशीर्वचन दिया और भारतीय संस्कृति के विस्तार हेतु हो रहे प्रयासों की सराहना की।

इसके बाद थाईलैंड में नुनचौक स्थित शिवमंदिर में शंकराचार्य के सानिध्य में यज्ञ हुआ। वहां जगद्गुरु ने सूर्य एवं शनि मंदिर का शिलान्यास भी किया। बैंकाक के गीता आश्रम में गीता जयंती समारोह शंकराचार्य जी के सानिध्य में मनाया गया। इसके अलावा कई जगह विशाल धर्मसभाओं का आयोजन हुआ। शंकराचार्य जी ने सभी को आशीर्वचन प्रदान किया।

जगद्गुरु बोले, अखण्ड भारत के देशों में तेजी से फैल रही भारतीय सांस्कृतिक चेतना

इसके बाद शंकराचार्य कंबोडिया गये और वहां दुनिया के सबसे बडे क्षेत्रफल में बने अंकोरवाट स्थित भगवान विष्णु के मंदिर में दर्शन व पूजन किया। यह मंदिर ऐतिहासिक विश्वधरोहर एवं आठवा अज़ूबा है। कंबोडिया के सहस्रलिंगा नदी में जगद्गुरु देवतीर्थ ने महारुद्राभिषेक किया।

संतों ने बताया कि जगद्गुरु ने थाईलैंड और कंबोडिया के अन्य मंदिरों व धार्मिक स्थलों का अवलोकन किया। शंकराचार्य ने यात्रा को सकुशल सम्पन्नता के लिये भारत सहित थाईलैंड, कम्बोडिया की सरकारों हिन्दू स्वयंसेवक के पदाधिकारियों एवं समस्त स्थानीय सनातनी भक्तों को धन्यवाद एवं आशीर्वाद दिया है।

गौरतलब है कि शंकराचार्य अधोक्षजानंद देवतीर्थ नवंबर 2021 से 12 ज्योतिर्लिंग एवं 52 शक्तिपीठ यात्रा के अंतर्गत अखण्ड भारत भ्रमण कर रहे हैं। देश के विभिन्न राज्यों समेत श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश और नेपाल की यात्रा के बाद अब उन्होंने थाईलैंड और कंबोडिया की यात्रा सम्पन्न कर ली है। शीघ्र ही वह अखण्ड भारत के अन्य देशों की भी यात्रा करेंगे।

कान्हा नगर पहुंचे अधोक्षजानंद देवतीर्थ

कान्हा की नगरी में पूर्वाम्नाय गोवर्धन पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ जी गोवर्धन पीठ पहुंचें। अखंड भारत के लिए 18 देशो में से 6 देशों की यात्रा कर भारत वापस लौटने पर उन्होंने राम मंदिर पर खुशी जताई और उन्होने निश्चलानंद सरस्वती पर बिना नाम लिए निशाना साधा और कहा कि मोदी योगी के नेतृत्व और अथक प्रयास से ही आज राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। प्रधानमंत्री की बुराई करने पर उन्हें देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए और पीएम और सीएम की तारीफ करनी चाहिए।

पूर्वाम्नाय गोवर्धन पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी करके वह भी राम मंदिर के शुभ कार्य के लिए 140 करोड़ भारतीय नागरिकों का अपमान किया है क्योंकि प्रधानमंत्री को देश की जनता ने चुना है और जनता जनार्दन होती है प्रधानमंत्री के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले उस साधु को भारत की जनता से माफी मांगना चाहिए और प्रभु श्री राम के उत्सव में जिन्हें शामिल होना है वह सब भक्त शामिल हो रहे हैं यदि किसी का दुर्भाग्य है वही इसमें शामिल नहीं हो रहा हे।

उन्होंने कहा कि सब लोग 22 तारीख का इंतजार कर रहा है वहां पर कुछ लोगो को कष्ट और जलन क्यों हो रही है। ऐसे लोगो के लिए मुझे रामचरितमानस की चौपाई याद आ रही है कि जब प्रभु श्री राम का राज्याभिषेक हुआ तो तीनों लोकों में सुख व्याप्त हो गया वही अज्ञानियों का इस कार्यक्रम में कोई स्थान नहीं है । ऐसे उल्लू वहां से भाग जाए वहां से छिप जाए अपने अस्तित्व को बचाने की कोशिश करें और आज भी ऐसे उल्लू की कमी नहीं है जो अपने अस्तित्व को संकट मान रहे हैं और महामंगल के समय अमंगलित बातें कर रहे हैं।

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