Maharashtra: भगवान राम को मांसाहारी बताने वाले शरद पवार के करीबी जीतेंद्र आव्हाड ने मांगी माफी, मुंबई में दर्ज हो चुकी है FIR

Maharashtra: एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जीतेंद्र आव्हाड ने भगवान राम को लेकर की गई अपनी विवादित टिप्पणी को लेकर माफी मांगी ली है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2024-01-04 03:55 GMT

Jitendra Awhad (photo: social media ) 

Maharashtra: एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जीतेंद्र आव्हाड ने भगवान श्री राम को लेकर की गई विवादित टिप्पणी पर माफी मांग ली है। आव्हाड ने भगवान राम को मांसाहारी बता दिया था, जिसके खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। आज मुंबई - पुणे में कई जगहों पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने एनसीपी नेता के खिलाफ जोदार प्रदर्शन किया। 

मामला तूल पकड़ता देख आव्हाड के तेवर नरम पड़े और उन्होंने गुरूवार को शिर्डी में मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर किसी के भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं खेद व्यक्त करता हूं। वे (बीजेपी) चुनाव के लिए राम को ला रहे हैं, लेकिन हमारे राम हमारे दिलों में हैं। एनसीपी नेता ने कहा कि सच सच कितना भी कड़वा क्यों न हो, जनभावनाओं को ध्यान में रखकर मैं खेद व्यक्त कर रहा हूं, यही हमें हमारे शरद पवार साहब ने सिखाया है। 

दरअसल, जीतेंद्र आव्हाड ने एक दिन पहले भगवान राम और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया था। आव्हाड ने पार्टी के एक कार्यक्रम में दावा किया था कि मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्री राम शाकाहारी नहीं बल्कि मांसाहारी थे। 14 साल के वनवास के दौरान जंगल में वो शिकार करके भोजन करते थे। उनके इस बयान पर बवाल हो गया है।

भारतीय जनता पार्टी और एनसीपी (अजित पवार गुट) ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई थी। एनसीपी (अजित पवार गुट) के कार्यकर्ताओं ने ठाणे स्थित आव्हाड के घर के बाहर जमकर विरोध-प्रदर्शन भी किया। इसके अलावा एनसीपी नेता ने महात्मा गांधी को लेकर भी विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे का असली कारण जातिवाद था क्योंकि वह ओबीसी थे और ये लोग यह सहन नहीं कर सकते थे वह इतने बड़े नेता बन गए।

भगवान राम को लेकर क्या बोल गए आव्हाड

दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार के बेहद करीबी माने जाने वाले जीतेंद्र आव्हाड दो दिवसीय कार्यकर्ता शिविर में शामिल होने शिर्डी गए हुए थे। इसमें पूरे महाराष्ट्र से शरद पवार को अपना नेता मानने वाले एनसीपी कार्यकर्ता पहुंचे थे। तीन जनवरी को शिविर के समापन के बाद मीडिया से मुखातिब होने के दौरान उन्होंने भगवान राम को लेकर विवादित बयान दे डाला।

पूर्व कैबिनेट मंत्री जीतेंद्र आव्हाड ने कहा कि भगवान राम शाकाहारी नहीं, मांसाहारी थे। राम 14 साल तक वनवास पर थे, फिर वे शाकाहारी कैसे हो सकते हैं ? आगे उन्होंने कहा कि राम हमारे हैं, बहुजनों के हैं। भगवान राम शिकार करके खाते थे। हम भी उन्हीं के आदर्शों पर चल रहे हैं। राम को आदर्श बताकर लोगों पर शाकाहारी भोजन थोपा जा रहा है। विवाद बढ़ने के बाद भी एनसीपी नेता ने कहा कि वो अपने बयान पर कायम हैं।

आव्हाड के घर के बाहर अजित गुट का प्रदर्शन

जीतेंद्र आव्हाड का विवादित बयान सामने आने के बाद ठाणे स्थित उनके आवास के बाहर बड़ी संख्या में एनसीपी (अजित पवार गुट) के कार्यकर्ता पहुंच गए और उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कार्यकर्ता भगवान राम की तस्वीर लेकर आरती करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने 'जय श्री राम' और 'जितेंद्र आव्हाड मुर्दाबाद' नारे भी लगाए। तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए आव्हाड के घर के बाहर भारी संख्या में पुलिसफोर्स तैनात किया गया। अजित गुट के कार्यकर्ताओं के जाने के बाद आव्हाड समर्थकों ने प्रदर्शन वाली जगहों को गोमूत्र से धोया।

आव्हाड ने अजित पवार पर बोला हमला

अपने घर के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर जीतेंद्र आव्हाड ने शरद पवार के भतीजे और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार पर हमला बोला है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट लिख कर कहा, श्री राम ने अपने भाई भरत को राजगद्दी देने के लिए केवल चौदह वर्ष का वनवास स्वीकार किया, जिस पर उनके माता-पिता के बीच सहमति हुई थी। लेकिन सम्राट भरत ने श्री राम की चरण पादुका को सिंहासन पर रखकर शासन किया। यहां पिता समान चाचा (शरद पवार) को घर से बाहर निकाल दिया और वनवास पर भेज दिया गया।

एनसीपी नेता जीतेंद्र आव्हाड के बयान पर बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा कि ऐसे बयान महज राजनीति के लिए दिए जा रहे हैं, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा ने आव्हाड के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है।

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