ख़ास है इंडो-आसियान के 10 देशों का शिखर सम्मलेन
इंडो-आसियान शिकार सम्मेलन में सभी सदस्य देश एक दूसरे के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने को लेकर मंथन करेंगे। इस दौरान दूरसंचार कनेक्टिविटी, व्यापार व वाणिज्य, शिक्षा, समुद्री सहयोग, शिक्षा और क्षमता निर्माण सहित प्रमुख क्षेत्रों में हुई प्रगति पर चर्चा होगी।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वियतनाम के प्रधानमंत्री न्गुयेन शुआन फुक के साथ इंडो- आसियान वर्चुअल समिट की संयुक्त रूप से अध्यक्षता करेंगे। 17वें इंडो–आसियान शिखर सम्मेलन में भारत के अलावा सभी दस आसियान सदस्य देशों के नेता भाग लेंगे। कोरोना काल में ये बैठक बहुत महत्वपूर्ण है। इस दौरान कोरोना महामारी के चलते पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को वापस राह पर लाने के उपायों और सभी देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी। यह शिखर सम्मलेन लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध और दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक रवैये को लेकर हो रहा है। इस सम्मलेन में वे तमाम देश शामिल होंगे जिनका दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद चल रहा है।
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रणनीतिक साझेदारी
इंडो – आसियान शिकार सम्मेलन में सभी सदस्य देश एक दूसरे के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने को लेकर मंथन करेंगे। इस दौरान दूरसंचार कनेक्टिविटी, व्यापार व वाणिज्य, शिक्षा, समुद्री सहयोग, शिक्षा और क्षमता निर्माण सहित प्रमुख क्षेत्रों में हुई प्रगति पर चर्चा होगी। शिखर सम्मेलन में कोरोना संकट से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है।
आसियान के सदस्य देश
आसियान का मतलब है ‘एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशन्स दक्षिण। ये पूर्व एशियाई देशों का एक संगठन है और इसके दस सदस्य हैं। ये देश हैं - ब्रुनेई, कम्बोडिया, इंडोनेशिया, लाओस पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम। हर दो साल में आसियान देशों का सम्मेलन होता है, जिसमें सभी देशों के आर्थिक, राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक विषयों पर चर्चा की जाती है। इस बार सम्मेलन का आयोजन 12 से 15 नवंबर के बीच वर्चुअल तरीके से हो रहा है।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध और दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक रवैये के बीच हो रहे इस सम्मेलन में वे तमाम देश शामिल होंगे जिनका चीन के साथ भौगोलिक विवाद जारी है। पीएम मोदी ने पिछले साल नवंबर में बैंगकॉक में हुए 16वें आसियान भारत सम्मेलन में हिस्सा लिया था।
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रणनीतिक साझेदार होने के साथ-साथ आसियान और भारत एक-दूसरे के साथ अपनी समुद्री सीमाओं को भी साझा करते हैं। भारत हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक बड़े समुद्री क्षेत्रों के साथ रणनीतिक रूप से स्थित है। ये समुद्री क्षेत्र आसियान के कई सदस्य देशों के लिये महत्वपूर्ण व्यापार के रास्ते भी हैं।
आसियान की स्थापना वर्ष 1967 में बैंकॉक डिक्लेरेशन के ज़रिये हुई तब से लेकर अब तक अपने लम्बे इतिहास में आसियान ने क्षेत्रीय सहयोग की मिसाल कायम की है।
रिपोर्ट- नीलमणि लाल
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