अयोध्या के बाद अब काशी की तैयारी, सुब्रमण्यम स्वामी को मिली जिम्मेदारी

बता दें कि समिति ने अयोध्या विवाद की तर्ज पर श्रीकाशी ज्ञानवापी मुक्ति यज्ञ समिति का गठन किया है। मथुरा में आयोजित समिति की राष्ट्रीय कार्य परिषद की बैठक में काशी और मथुरा विवाद पर हर तरह का संघर्ष करने का फैसला किया गया।

Update: 2020-03-05 06:13 GMT

नई दिल्ली: देश का सबसे पुराना मामला अयोध्या विवाद में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद अब अखिल भारतीय संत समिति ने काशी विवाद को गरमाने की तैयारी कर ली है।

बता दें कि समिति ने अयोध्या विवाद की तर्ज पर श्रीकाशी ज्ञानवापी मुक्ति यज्ञ समिति का गठन किया है। मथुरा में आयोजित समिति की राष्ट्रीय कार्य परिषद की बैठक में काशी और मथुरा विवाद पर हर तरह का संघर्ष करने का फैसला किया गया।

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समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि समिति अयोध्या में राम जन्मभूमि की मुक्ति की तरह काशी विश्वनाथ मंदिर और कृष्ण की जन्मस्थली को भी मुक्त कराना चाहती है। इसलिए बैठक में तय किया किया कि अयोध्या में राम जन्मभूमि मुक्ति के लिए रामजन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति की तर्ज पर इसके लिए भी एक मुक्ति यज्ञ बने।

बैठक में ही इसका गठन किया गया और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को इसका अध्यक्ष, एडवोकेट विजय शंकर रस्तोगी को उपाध्यक्ष, उन्हें महामंत्री और पातालपुरी मठ के महंत बालक दास को संयुक्त महामंत्री बनाया गया।

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यह समिति इस मामले में जारी मुकदमे में तेजी लाने और जल्द से जल्द फैसला कराने के हर पहलुओं पर विचार विमर्श करेगी। जरूरत पड़ी तो इसके लिए जन जागरण का भी सहारा लिया जाएगा। बैठक समिति के अध्यक्ष आचार्य अविचल दास की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

गौरतलब है कि पिछले कई सालों से अयोध्या रामजन्मभूमि विवाद सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था। 9 नवंबर 2019 को इसका फैसला रामं मंदिर के पक्ष में आया था। इसके बाद मंदिर निर्माण के लिए रामजन्मभूमि ट्रस्ट को बनाया गया, और अब जल्द ही इसके निर्माण की भी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

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