साइबर धोखाधड़ी 5,574 करोड़ का नुकसान, सजा दर 1 फीसदी से कम,संसदीय समिति ने उठाए सवाल

Parliamentary Committee: संचार और आईटी पर स्थायी समिति ने शुक्रवार को संसद में अपनी 54वीं रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट डेटा सुरक्षा के लिए डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन सुरक्षा उपायों पर केंद्रित थी।

Report :  Viren Singh
Update:2024-02-09 15:58 IST

Parliamentary Committee (सोशल मीडिया) 

Parliamentary Committee: संसद की स्थायी समिति की भारत में किए जा रहे डिजिटल भुगतान पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। संसदीय समिति ने संसद को बताया कि 2023 के अप्रैल और सितंबर के बीच केवल छह महीनों में साइबर धोखाधड़ी से 5,574 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। साथ ही, भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली में "विश्वास की कमी" पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है।

संसद में प्रस्तुत की 54वीं रिपोर्ट

संचार और आईटी पर स्थायी समिति ने शुक्रवार को संसद में अपनी 54वीं रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट डेटा सुरक्षा के लिए डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन सुरक्षा उपायों पर केंद्रित थी। रिपोर्ट पेश करते हुए समिति ने बताया कि भारत में डिजिटल भुगतान में हुई धोखाधड़ी के मामले पर रिकवरी दर 10.4% पर है, जो कि "बेहद कम" है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) को पीड़ितों को ग्रहणाधिकार-जमा की गई राशि की वापसी की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता है।

लेनदेन छुपाने लिए हो रहा वर्जुअल खातों

संसदीय पैनल ने वर्चुअल खातों के दुरुपयोग का मुद्दा भी उठाया और इसको बैंकिंग प्रणाली में बहुत गंभीर कमी विषय करार दिया। समिति का दावा है कि वर्जुअल खातों का उपयोग पैसे की लेनदेन को छुपाने के लिए किया जा रहा था। वर्चुअल खाते एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (एएमएल) और काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग (सीटीएफ) तंत्र से भी बच सकते हैं।

फिनटेक क्षेत्र में घरेलू कंपनियों पर दें ध्यान

समिति रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया है, फिनटेक क्षेत्र में घरेलू कंपनियों को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इस पर तर्क दिया गया कि विदेशी ऐप्स की तुलना में आरबीआई के लिए भारतीय फिनटेक ऐप्स को विनियमित करना अधिक व्यवहार्य होगा।

साइबर धोखाधड़ी में सजा दर बेहद कम

समिति कहा कि 2021 में साइबर धोखाधड़ी के 54979 मामले को सुनवाई के लिए आए। इसमें 491 मामलों पर ही दोषसिद्ध हो पाया हो, जो कि 1 फीसदी से कम सजा दर है। समिति ने सुझाव दिया कि साइबर अपराध के क्षेत्र में वैधानिक और विधायी सुधार की अनिवार्य आवश्यकता है। पैनल के अनुसार, कानून के तहत दंडात्मक उपायों को अपराधियों के लिए निवारक के रूप में काम करना चाहिए।

समिति बताया कि सरकार द्वारा 200 से अधिक एंड्रॉइड और बैंकिंग मैलवेयर की पहचान की गई है। समिति का रिकॉर्ड है कि इन अवैध ऐप्स के नाम और विवरण Google के साथ साझा किए गए हैं। समिति ने अवैध ऐप्स के खिलाफ की गई कार्रवाई पर Google और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से स्पष्टता मांगी है। इसके अलावा समिति ने सभी हितधारकों के प्रभावी समन्वय के साथ एक बहुआयामी दृष्टिकोण की सिफारिश की है। वहीं, संसदीय पैनल ने संबंधित विभिन्न मंत्रालयों से साइबर धोखाधड़ी से निपटने के लिए निवारक उपायों पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया है।

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