नई दिल्ली : भारतीय रेल ने स्टेशनों के पुनर्विकास की महत्वाकांक्षी योजना में किए गए अहम बदलावों पर विभिन्न मंत्रालयों की राय जानने के लिए कैबिनेट नोट भेजा है। इन बदलावों में लीज की अवधि को 45 साल से बढ़ाकर 99 साल करने का प्रस्ताव भी शामिल है।
रेलवे ने अन्य प्रकार के परिवर्तनों के प्रस्ताव समेत विभिन्न मंत्रालयों से इस बात पर भी उनकी टिप्पणी मांगी है कि परियोजनाओं में कौन बोली लगा सकता है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2015 में 400 रेलवे स्टेशनों का पुनिर्विकास 'स्विस चैलेंज' की संविदा विधि का उपयोग करते हुए 45 साल की लीज अवधि के लिए करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की थी।
स्विस चैलेंज संविदा प्रदान करने की ऐसी विधि है जिसमें जरूरी प्रमाण पत्र धारण करने वाला कोई व्यक्ति विकास प्रस्ताव सरकार के पास जमा कर सकता है। प्रस्ताव ऑनलाइन सौंपे जाते हैं और अन्य लोग सुधार के लिए अपने सुझाव भी दे सकते हैं।
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उसके बाद विशेषज्ञों की एक कमेटी सर्वोत्तम प्रस्ताव को स्वीकार करती है और प्रस्ताव में सुधार की सूरत में असली प्रस्तावक को स्वीकृति मिलने की संभावना रहती है।
अगर असली प्रस्तावक का प्रस्ताव आकर्षक नहीं है और प्रतिद्वंद्वी प्रस्ताव से वह स्पर्धा में कम है तो परियोजना दूसरे को मिलती है।
हालांकि कतिपय कारणों से इस स्कीम को कोई अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई।
इसके अलावा, पहले रेलवे जोन के महाप्रबंधक (जीएम) ही पूरी कवायद करने के लिए अधिकृत होते थे।
रेलवे ने अब 99 साल की लीज अवधि का प्रस्ताव दिया है और स्विस चैलेंज विधि की जगह राज्यों के साथ संयुक्त उपक्रम, सार्वजनिक क्षेत्र की साझेदारी, सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) और इजीनियरिंग खरीद, निर्माण (ईपीसी) मॉडल को अनुमति प्रदान की है।
वहीं, जीएम के अलावा इंडियन रेलवे स्टेशंस डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरएसडीसी) जैसी एजेंसियों को भी स्टेशन पुनर्विकास कार्य में शामिल किया गया है।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "पूर्व प्रस्ताव में कई महत्वपूर्ण बदलावों पर रेलवे के लिए कैबिनेट की दोबारा मंजूरी लेने की जरूरत है।"
अंतिम कैबिनेट नोट बनाने से पहले वित्त मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय और कानून मंत्रालय की टिप्पणी आवश्यक है।
अधिकारी ने कहा, "क्षेत्र में अब विस्तार किया जा रहा है इसलिए हमें परियोजना को लेकर सकारात्मक उम्मीद है।"
स्टेशनों के पुनर्विकास के तहत शॉपिंग प्लाजा, ऑफिस कांप्लेक्स, होटल, मल्टीप्लेक्स के अलावा अन्य रेलवे में व्यावसायिक क्रियाकलाप और स्टेशनों पर यात्रियों के लिए उन्नत सुविधाएं मुहैया करवाना शामिल है।
रेलवे का लक्ष्य अगले दस साल में स्टेशनों के पास रेलवे की जमीन का व्यावसायिक उपयोग करके 50,000 करोड़ रुपये कमाना है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर एक लाख करोड़ से ज्यादा का खर्च आएगा। अनुमान के तौर पर 80,000 करोड़ रुपये का खर्च व्यावसायिक उपयोग पर आएगा जबकि 35,000 करोड़ रुपये स्टेशनों के पुनर्विकास पर होगा।