PM मोदी पर विवादित बयान मामले में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा पर दर्ज सभी FIR लखनऊ ट्रांसफर, SC का आदेश
SC On Pawan Khera: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को दी गई अंतरिम जमानत को 10 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। पीएम मोदी मामले में उन पर दर्ज सभी मामलों को हज़रतगंज थाना ट्रांसफर कर दिया है।
SC On Pawan Khera: कांग्रेस नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा (Pawan Khera) द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उनके पिता पर अमर्यादित टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (20 मार्च) को बड़ा आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने पवन खेड़ा पर दर्ज सभी एफआईआर लखनऊ के हजरतगंज थाने में ट्रांसफर कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने आज उन्हें दी गई अंतरिम जमानत (Pawan Khera Interim bail) को 10 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। SC ने उन्हें लखनऊ की कोर्ट में नियमित जमानत के लिए आवेदन देने को कहा है।
बता दें, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा पर असम में एक और उत्तर प्रदेश में दो मामले दर्ज हैं। उन पर कुल 3 FIR दर्ज हुए हैं। असम पुलिस (Assam Police) ने बीते 23 फरवरी को खेड़ा को दिल्ली में गिरफ्तार किया था। मगर, गिरफ़्तारी के ठीक बाद सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने अपने बयान पर माफी मांग ली थी। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तारी वाले दिन ही अंतरिम जमानत मिल गई थी।
असम और यूपी सरकार का विरोध
गौरतलब है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पिता पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने का अनुरोध करने वाली पवन खेड़ा की याचिका का असम और यूपी सरकार ने विरोध किया था। दोनों राज्यों की सरकारों ने कांग्रेस नेता की याचिका पर दावा किया था कि विपक्षी पार्टी अब भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उसी तरह के बयान पर कायम है। आए दिन निचले स्तर के ट्वीट किए जा रहे हैं।
क्या है मामला?
आपको बता दें, मुंबई में 17 फरवरी को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पिता के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी। असम पुलिस ने उन्हें 23 फरवरी को तब गिरफ्तार किया था जब वो दिल्ली एयरपोर्ट से रायपुर जाने वाली उड़ान में सवार थे। खेड़ा की गिरफ़्तारी के बाद कांग्रेस नेताओं ने IGI एयरपोर्ट पर जमकर बवाल मचाया था।
असम पुलिस ने बताया था 'छलावा'
असम पुलिस ने जवाब में कहा, सुप्रीम कोर्ट में पवन खेड़ा (Pawan Khera) की तरफ से माफी मांगना सिर्फ 'छलावा' है। उन्हें वास्तव में कोई पछतावा नहीं है। खेड़ा ने माफी मांगकर सर्वोच्च न्यायालय से राहत पाई, लेकिन उनकी पार्टी कांग्रेस अपने ट्वीट और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री के पिता का नाम जानबूझकर 'दामोदरदास' की जगह 'गौतमदास' लिखती रही। इससे साफ है कि खेड़ा की ज़ुबान गलती से नहीं फिसली थी, बल्कि उनकी पार्टी के लोग इस साज़िश में भागीदार हैं।