सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं खाली करना होगा हेराल्ड हाउस

दिल्ली हाई कोर्ट के 28 फरवरी को दिए आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है इसमें हेराल्ड हाउस को खाली करने का निर्देश दिया गया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ एसोसिएटिड जर्नल लिमिटेड की अपील पर भूमि और विकास कार्यालय को नोटिस जारी किया है।

Update: 2019-04-05 10:58 GMT

नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट के 28 फरवरी को दिए आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है इसमें हेराल्ड हाउस को खाली करने का निर्देश दिया गया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ एसोसिएटिड जर्नल लिमिटेड की अपील पर भूमि और विकास कार्यालय को नोटिस जारी किया है।

इससे पहले एजेएल ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी थी ताकि नई दिल्ली के आईटीओ में स्थित हेराल्ड हाउस को खाली करवाने के लिए केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाने से रोका जा सके।

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1 मार्च को हाईकोर्ट की दो सदस्यी बेंच ने हेराल्ड हाउस खाली करने के खिलाफ दायर एजेएल की अपील को खारिज कर दिया था। एजेएल ने सिंगल बेंच के 21 दिसंबर के उसे आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें केंद्र सरकार के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था।

इसके बाद 7 मार्च को केंद सरकार ने एजेएल को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 13 मार्च तक जवाब मांगा था। केंद्र ने एजेएल से पूछा था कि दिल्ली के आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस को खाली करने का आदेश जारी क्यों नहीं किया जाना चाहिए?

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हाईकोर्ट की एकल पीठ ने कहा था कि एजेएल के 99 फीसदी शेयर यंग इंडिया को ट्रांसफर करने पर उसकी 400 करोड़ से अधिक की संपत्ति भी गोपनीय तरीके से ट्रांसफर हो जाती है। यंग इंडिया में यूपीए चेयरलेडी सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शेयरधारक हैं। हाईकोर्ट से एजेएल की याचिका खारिज होने के बाद सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

 

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