22 जनवरी को सुनवाई: CAA को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर SC का नोटिस

नागरिकता संशोधन बिल को संसद से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिल को अपनी मंजूरी दे दी है। जिसके बाद पूरे देश में हिंसा का माहौल बना हुआ है।

Update: 2019-12-18 08:26 GMT

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल को संसद से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिल को अपनी मंजूरी दे दी है। जिसके बाद पूरे देश में हिंसा का माहौल बना हुआ है। दिल्ली से लेकर लखनऊ तक में हिंसा का माहौल बना हुआ है। इसी को लेकर अब ये नई खबर आ रही है। जिसमें नागरिकता संशोधन कानून को चुनौती देने वाली 59 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।

केंद्र को जनवरी के दूसरे हफ्ते तक अपना जवाब दाखिल करना होगा। उच्चतम न्यायालय ने कानून पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि अभी यह लागू ही नहीं है तो रोक का सवाल ही नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी।

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इस याचिका में नागरिकता संशोधन कानून को चुनौती दी गई है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से पक्ष रख रहे कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कानून पर रोक लगाने की मांग की। इस पर उच्चतम न्यायालय ने कहा कि देखना होगा कि कानून पर रोक लगाई जा सकती है या नहीं।

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आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के अंदर तीन पड़ोसी देशों- पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के शिकार अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। इसके तहत तीनों देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों यानी हिंदू, सिख, बौद्ध और क्रिश्चन समुदाय के ऐसे लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे।

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