सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुआ ‘पेपरलेस’ वर्क, इंटरैक्टिव डिजिटल डिवाइस का इस्तेमाल

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जे एस खेहर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को पेपरलेस किए जाने के प्रयासों के तहत सुनवाई के दौरान नए मामलों के रिकॉर्ड को स्कैन करने के लिए इंटरैक्टिव डिजिटल डिवाइस का इस्तेमाल किया।

Update: 2017-07-04 08:48 GMT
सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुआ ‘पेपरलेस’ वर्क, इंटरैक्टिव डिजिटल डिवाइस का इस्तेमाल

नई दिल्ली: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जे एस खेहर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को पेपरलेस किए जाने के प्रयासों के तहत सुनवाई के दौरान नए मामलों के रिकॉर्ड को स्कैन करने के लिए इंटरैक्टिव डिजिटल डिवाइस का इस्तेमाल किया।

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हालांकि, पहले दिन जजों को डिजिटल माध्यम से काम करने में थोड़ी असुविधा हुई और उन्हें कागजी फाइलों का सहारा लेना पड़ा। जस्टिस खेहर ने एक मामले की सुनवाई के दौरान वकीलों से कहा, ‘हम सीख रहे हैं और आप लोग भी सीख रहे हैं, लेकिन कागजी दस्तावेज के बिना काम करना आसान है।’ उन्होंने वकीलों से कहा कि यह आपके लिए अच्छा है, क्योंकि हम जल्दबाजी में नहीं हैं। हम रिलैक्स हैं, क्योंकि हमारे पास फाइलों का अंबार नहीं है।

इस दौरान कोर्ट के आईटी कर्मचारियों ने कुछ तकनीकी समस्याओं का सामना किया।

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गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 मई को इंटीग्रेटेड केस मैनेजमेंट सिस्टम इंफॉर्मेशन सिस्टम (आईसीएमआईएस) को लागू करने के लिए पेपरलेस प्रोजेक्ट लॉन्च किया था।

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रविवार को एक बयान में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह परियोजना "धीरे-धीरे लागू होगी क्योंकि यह जजों और वकीलों के लिए नई विधि" होगी। आईसीएमआईएस कार्यान्वयन के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए कोर्ट में दो सहायता डेस्क स्थापित किए गए हैं।

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