Pawan Khera: पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा झटका, FIR रद्द करने से किया इनकार, पीएम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का मामला

Pawan Khera: यूपी और असम में जो उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए हैं, उसे रद्द करने से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत के फैसले के बाद कांग्रेस प्रवक्ता के पास मुकदमे का सामना करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2024-01-04 09:33 GMT

Pawan Khera  (फोटो: सोशल मीडिया )

Pawan Khera: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा झटका दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पिता के विरूद्ध अपमानजनक टिप्पणी करने से जुड़े मामले में अदालत ने उन्हें कोई राहत देने से इनकार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी है। यूपी और असम में जो उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए हैं, उसे रद्द करने से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत के फैसले के बाद कांग्रेस प्रवक्ता के पास मुकदमे का सामना करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

दरअसल पवन खेड़ा ने पीएम नरेंद्र मोदी और उनके पिता के नाम पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिस पर भारी बवाल हुआ था। उनके विरूद्ध यूपी में दो और असम में एक मुकदमा दर्ज कराया गया था। अपने विरूद्ध दर्ज इन एफआईआर को रद्द कराने खेड़ा इलाहाबाद हाईकोर्ट गए, लेकिन उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, वहां से भी आज उन्हें निराशा ही हाथ लगी है।

क्या है पूरा मामला ?

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी और मोदी सरकार के बीच सांठगांठ को लेकर एक प्रेस कॉफ्रेंस कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का पूरा नाम बोलते हुए उनके पिता का गलत नाम बोल दिया था। हालांकि, उन्होंने गलती सुधारी थी। लेकिन बाद में उन्होंने फिर से गलत नाम लिया और पीएम मोदी पर तंज कस दिया था। बीजेपी ने तब पवन खेड़ा पर प्रधानमंत्री के दिवंगत पिता का अपमान करने का आरोप लगाया था।

एयरपोर्ट पर गिरफ्तार करने पहुंच गई थी असम पुलिस

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा इस मामले को लेकर बीते साल उस वक्त मुसीबत में आ गए थे, जब असम पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गई थी। खेड़ा अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ जयपुर रवाना हो रहे थे। तभी वहां पहुंची असम पुलिस ने उन्हें प्लेन से उतार लिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के दखल के कारण असम पुलिस उन्हें अपने साथ नहीं ले जा पाई थी। अब उसी शीर्ष अदालत से कांग्रेस नेता को झटका मिला है, अब असम पुलिस उनके खिलाफ क्या कार्रवाई करती है, इस पर सबकी नजरें रहेंगी।

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