Red Fort Attack Case: सुप्रीम कोर्ट का अहम् फैसला, लाल किला हमला केस में दोषी अशफाक की फांसी की सजा बरकरार
Red Fort Attack Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने साल आज वीरवार (3 नवंबर 2022) को वर्ष 2000 के लाल किला हमले के मामले में आरोपी मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा है।
Red Fort Attack Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज 3 नवंबर 2022 को वर्ष 2000 के लाल किला हमले के मामले में आरोपी मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा है। कोर्ट ने मोहम्मद आरिफ की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक ने दायर की गई पुनर्विचार याचिका में मांग की थी कि वह उम्र कैद के बराबर सजा काट चुका है। ऐसे में उसकी फांसी की सजा को माफ कर दिया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने अशफाक की आज तीसरी बार पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। आज से पहले 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने आरिफ की फांसी की सजा को बरकरार रखते हुए पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था। उसके बाद में 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने क्यूरेटिव याचिका भी खारिज कर दी थी।
आरिफ उर्फ अशफाक लाल किले में घुसने वाले और राजपूताना राइफल्स के सातवीं बटालियन के सुरक्षाकर्मियों पर गोली चलाने वाले आतंकवादियों में शामिल था। हमला करने के बाद में सभी आतंकी मौके से फरार हो गये थे। बाद में आतंकी अशफाक को दिल्ली पुलिस हेलीकाप्टर से लेकर कश्मीर पहुंची थी। कश्मीर पहुंचने के बाद में अशफाक के साथियों ने रात में हमला कर दिया था। गिरफ्तारी के बाद से आतंकी अशफाक जेल की सलाखों के पीछे सजा काट रहा है।
लश्कर-ए-तैयबा संगठन का आतंकी है अशफाक
गौरतलब है कि लाल किले पर आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने 22 दिसंबर 2000 को आतंकवादी हमला किया था। उस हमले में दो सैनिकों समेत तीन लोग मारे गए थे। वहीं, भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में लाल किला में घुसपैठ करने वाले दो आतंकवादी भी मारे गए थे। जिसके बाद लाल किला हमले के मामले में 31 अक्टूबर 2005 को निचली अदालत ने आरिफ को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।