नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को यूनिटेक के निदेशक संजय चंद्रा की जमानत अर्जी खारिज कर दी और रियल एस्टेट दिग्गज से अपनी नेकनीयती साबित करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने जमानत याचिका को खारिज करते हुए सुझाव दिया कि रियल एस्टेट दिग्गज के देशभर में फैली 64 परियोजनाओं से अधिक के अधबने फ्लैटों की नीलामी की जाए।
यह सुझाव तब सामने आया, जब वरिष्ठ अधिवक्ता रणजीत कुमार ने अदालत से कहा कि कंपनी फ्लैट खरीदारों की रकम लौटाने के लिए अपनी 64 परियोजनाओं के फ्लैटों की बिक्री कर सकती है।
सुनवाई शरू होते ही न्याय-मित्र (एमिकस क्यूरी) पवनश्री अग्रवाल ने अदालत से कहा कि जो फ्लैट खरीदार अपनी रकम वापस चाहते हैं, उन्हें लौटाने के लिए 1,865 करोड़ रुपये के भुगतान की जरूरत है।
यूनिटेक के वकील रणजीत कुमार ने अदालत से गुजारिश की कि चंद्रा को 4-5 हफ्तों के लिए जमानत दे दी जाए, ताकि इस दौरान वे फ्लैट खरीदारों की रकम लौटाने के लिए धन जुटाने की योजना तैयार कर सकें।
उन्होंने दलील दी कि बिना जमानत मिले चंद्रा रकम का इंतजाम नहीं कर सकते।
--आईएएनएस