नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार की उस अर्जी को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट को आदेश देने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से दिल्ली सरकार को झटका लगा है।
‘सुप्रीमकोर्ट हाईकोर्ट को कैसे दे सकता है आदेश’
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट की इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला पहले से ही दिल्ली हाईकोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट को क्या आदेश दे सकता है? कोर्ट ने कहा कि हम इसे खारिज कर रहे हैं। इस पर दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अर्जी वापस ले ली।
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह की थी मांग
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई अपनी याचिका में मांग की थी कि दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल से जुड़े कई मामले दिल्ली हाईकोर्ट में विचाराधीन है लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट में बड़ी बेंच पहले सुनवाई कर तय करे कि दोनों के अधिकार क्या होंगे। अधिकारों से जुड़े विशिष्ट विषयों पर अलग से सुनवाई हो। गौरतलब है कि अधिकारों को लेकर करीब आठ मामलों पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।
हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के आठ मामले विचाराधीन
मालूम हो कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और नजीब जंग कई बार अधिकारों को लेकर आमने सामने आ चुके हैं। कई बार तो उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के फैसलों को खारिज तक कर चुके हैं। दिल्ली सरकार ने इन्ही मामलों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
बीते 5 अप्रैल को हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की उस याचिका को खारिज तक कर दिया था जिसमें दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल और खुद के अधिकारों के विभाजन के लिए एक अलग बड़ी बेंच की मांग की थी। दिल्ली सरकार चाहती थी कि हाई कोर्ट में एक बड़ी बेंच बनाकर पहले इसपर सुनवाई हो कि दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के अधिकार क्या हैं।