मसूद अज़हर को बैन करने के पक्ष में हमारे साथ ज़्यादातर देश खड़े हैं: सुषमा स्वराज

मसूद अजहर के मुद्दे पर चीन की नापाक चाल 13 मार्च 2019 को एक बार फिर उजागर हुई। तकनीकी आधार पर आपत्ति जताते हुए चीन ने वीटो लगा दिया और इस तरह मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने की मुहिम को झटका लगा।

Update: 2019-03-15 12:25 GMT

नई दिल्ली: मसूद अजहर के मुद्दे पर चीन की नापाक चाल 13 मार्च 2019 को एक बार फिर उजागर हुई। तकनीकी आधार पर आपत्ति जताते हुए चीन ने वीटो लगा दिया और इस तरह मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने की मुहिम को झटका लगा। चीन की इस कार्रवाई के बाद भारत में विरोधी दलों खासतौर से कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि झूला नीति और बिना एजेंडा बातचीत नाकाम साबित हुई है। सच तो ये है कि नरेंद्र मोदी, शी जिनपिंग से डरते हैं।



विरोधी दलों को जवाब देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि भले ही मसूद अज़हर को बैन करने को लेकर चीन ने भारत का समर्थन न किया हो, लेकिन अब हमारे साथ ज़्यादातर देश खड़े हैं।सुषमा स्वराज ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि साल 2009 में यूपीए के कार्यकाल के दौरान भी मसूद अज़हर को बैन लगाने का प्रस्ताव UNSC में भेजा गया था, लेकिन उस वक्त भारत का कोई समर्थक नहीं था। उन्होंने लिखा है, ''मैं मसूद अज़हर के बारे में कहना चाहती हूं कि चार बार पर उस पर बैन लगाने की कोशिश की गई है।



लेकिन साल 2009 में जब यूपीए ने UNSC में मसूद अज़हर को बैन करने का प्रस्ताव रखा तो उस वक्त भारत इकलौता देश था। साल 2016 में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने इस मुद्दे पर भारत का समर्थन किया था। इस बार यानी 2019 में UNSC में 15 में से 14 सदस्य देश भारत के साथ खड़ा था। इसके अलावा UNSC के गैर सदस्य देश ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इटली और जापान ने भी भारत का साथ दिया।''



भारत पिछले 10 साल से मसूद अजहर को वैश्‍विक आतंकी घोषित करने की मांग कर रहा है। विदेश मंत्रालय ने मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रद्द होने के बाद कहा कि हमारी लड़ाई जारी रहेगी।

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