Ramcharitmanas Controversy: अपने विवादित बयान पर कायम हैं स्वामी प्रसाद मौर्य, पंडित-पुजारियों पर साधा निशाना
Ramcharitmanas Controversy: सपा एमएलसी ने कहा कि उनके बयान का विरोध केवल पंडित-पुजारी बिरादरी के लोग कर रहे हैं।;
Swami Prasad Maurya photo: social media
Ramcharitmanas Controversy: पवित्र हिंदू धर्मग्रंथ रामचरितमानस पर बैन लगाने की मांग कर विवादों में आए सपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अपने स्टैंड पर कायम हैं। पार्टी में अलग-थलग पड़ने के बावजूद उन्होंने रामचरितमानस पर की गई विवादित टिप्पणी को वापस लेने से इनकार कर दिया है। मौर्य ने कहा कि मैं अपनी बात पर कायम हूं, मैं सैंकड़ो बार सार्वजनिक मंचों से इस बात पर हमला कर चुका हूं, आज भी कर रहा हूं, आगे भी करता रहूंगा।
पंडित-पुजारियों पर बोला हमला
सपा एमएलसी ने कहा कि उनके बयान का विरोध केवल पंडित-पुजारी बिरादरी के लोग कर रहे हैं। उन्हें आभास हो गया है कि मेरे कहने पर सभी आदिवासी, दलित-पिछड़े और महिलाएं मंदिर जाना बंद कर देंगे तो चढ़ावा बंद हो जाएगा। उनकी पेट पूजा बंद हो जाएगी, उनका धंधा ठप हो जाएगा। इसलिए वह पागलों की तरह भौंक रहे हैं।
बीजेपी छोड़कर सपा में आए पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि हम किसी भी जाति, किसी भी धर्म और किसी भी आराध्य पर कोई टिप्पणी नहीं करते हैं बल्कि धर्म के नाम पर दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों महिलाओं के ऊपर की गई अपमानजनक टिप्पणी का विरोध करता हूं और करता रहूंगा।
रामचरितमानस पर मेरा निजी बयान
सपा नेता शिवपाल यादव द्वारा बयान से किनारा किए जाने पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह उनका निजी बयान है। पार्टी का इस बयान से कोई लेना-देना नहीं है। दरअसल, मौर्य के बयान पर विवाद बढ़ने के बाद अखिलेश – शिवपाल जैसे सपा के बड़े नेताओं ने खुद को इससे अलग कर लिया था।
भद्राचार्य बोले – सठिया गए हैं स्वामी प्रसाद
रामचरितमानस पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर संत समाज में आक्रोश कायम है। श्री चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी श्री राम भद्राचार्य ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि वह सठिया गए हैं और उनकी बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है।
गौरतलब है कि पिछले रविवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने तुलसीदास रचित रामचरितमानस पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने ग्रंथ में लिखी बातों को बकवास करार देते हुए इस पर बैन लगाने की मांग कर दी थी।