अब मुंबई के नाम होगी दुनिया की सबसे ऊंची इमारत, दुबई का बुर्ज खलीफा छूटेगा पीछे
163 मंजिल वाले बुर्ज खलीफा की ऊंचाई ऊपरी सिरे तक 830 मीटर है। लेकिन अब केंद्रीय मंत्री गडकरी यह रिकॉर्ड देश के नाम दर्ज कराना चाहते हैं। वह मुंबई बंदरगाह ट्रस्ट की इस बेकार औद्योगिक जमीन को नया रूप देकर पर्यटन के लिए खोलना चाहते हैं।
मुंबई: दुनिया की सबसे ऊंची इमारत के लिए अब दुबई का नहीं मुंबई का नाम लिया जाएगा। इसकी पूरी योजना सरकार के पास है। बस, कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है और मायानगरी मुंबई में इसका निर्माण शुरू हो जाएगा। यह जानकारी सड़क परिवहन और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने दी है।
पीछे छूटेगा बुर्ज खलीफा
अभी तक दुनिया की सबसे ऊंची इमारत के रूप में दुबई के बुर्ज खलीफा का नाम दर्ज है। 163 मंजिल वाले बुर्ज खलीफा की ऊंचाई ऊपरी सिरे तक 830 मीटर है। लेकिन अब केंद्रीय मंत्री गडकरी यह रिकॉर्ड देश के नाम दर्ज कराना चाहते हैं। गडकरी मुंबई में पूर्वी बंदरगाह क्षेत्र में अनुपयोगी जमीन को विकसित करना चाहते हैं। वह मुंबई बंदरगाह ट्रस्ट की इस बेकार औद्योगिक जमीन को नया रूप देकर पर्यटन के लिए खोलना चाहते हैं। यह नये बंदरगाह के रूप में विकसित किया जाएगा।
बंदरगाह के बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए मुंबई पोर्ट सलाहकार कंपनियों से वैश्विक स्तर पर निविदाएं मांग चुका है।
गडकरी ने कहा हम मरीन ड्राइव से बड़ी ग्रीन और स्मार्ट सड़कें बना रहे हैं। ये मरीन ड्राइव से तीन गुना ज्यादा बड़ी सड़कें होंगी। वडाला से मझगांव डॉक्स तक सात किलोमीटर लंबी मरीन ड्राइव मौजूदा मरीन ड्राइव से बहुत बड़ी और आकर्षक होगी। उन्होंने कहा कि बंदरगाह से सटी जमीन के लिए सरकार के पास अच्छी योजनाएं हैं।
मुंबई का चेहरा बदलेगा
मुंबई पोर्ट ट्रस्ट शहर में सबसे बड़ी सरकारी जमीन का स्वामी है। यहां लगभग 500 हेक्टेयर जमीन को विकसित करने की योजना है। इसमें बंदरगाह संचालन, व्यावसायिक, व्यापारिक, कार्यालय, कन्वेंशन सेंटर, मनोरंजन और सामुदायिक केंद्र शामिल हैं।
केंद्रीय जहाजरानी मंत्री ने कहा कि दूसरे कई बंदरगाह भी विकसित किए जाएंगे क्योंकि संसाधन और जमीन की कोई कमी नहीं है। इनमें कोलकाता बंदरगाह और कांडला बंदरगाह पर स्मार्ट सिटी बनाने की योजना है। पोर्ट डेवलपमेंट के लिए सागरमाला परियोजना पर सरकार ने 14 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये हैं।