दिनाकरण के 18 MLA बर्खास्त, पन्न्नीरसेल्वम पलानीस्वामी को राहत

तमिलनाडु की राजनीति में तगातार तेजी से बदल रहे घटना क्रम में एक अध्याय और जुड़ गया। दिनाकरन के समर्थक 18 विधायकों को विधान सभा की सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया

Update: 2017-09-18 07:41 GMT

चेन्नई: तमिलनाडु की राजनीति में तगातार तेजी से बदल रहे घटना क्रम में एक अध्याय और जुड़ गया। दिनाकरन के समर्थक 18 विधायकों को विधान सभा की सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया। इस नई परिस्थिति के बाद पलानीस्वामी को जहां राहत मिली तो वहीं दूसरी तरफ टीटीवी दिनाकरन को आघात लगा।

दिनाकारन के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। सोमवार 18 सितंबर को विधानसभा स्पीकर पी धनपाल ने दिनाकरन गुट के विधायकों को अयोग्य करार दे दिया। स्पीकर ने तमिलनाडु विधान सभा, 1986 के नियम के तहत विधायकों को उनके पदों से बर्खास्त कर दिया। तमिलनाडु में राजनीतिक उथल पुथल पिछले कुछ महीनों से चल रही थी। हाल में वहां जयललिता समर्थक दोनो गुटों में रस्साकस्सी चल रही थी।

पलानीस्वामी और और पन्न्नीरसेल्वम के आपस में विलय के बाद दिनाकरण बागी हो गए थे। उन्होंने शशिकला को पार्टी महासचिव से पद से हटा कर बाहर करने पर विरोधी बिगुल फूंक दिया था।

ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कड़गम ,एआईएडीएमके पार्टी से निष्कासित नेता और पार्टी के 21 विधायकों की अगुवाई कर रहे टीटीवी दिनाकरन ने ललकारते हुए बयान दिया था कि वह पलानीस्वामी सरकार गिराने के लिए काम करेंगे। दिनाकरन ने कहा था, मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और अन्य को जयललिता द्वारा संभाले गए पद पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है। हम इस सरकार को वापस घर भेजेंगे।

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