'चाय' की 'चाह' रखने वालों के लिए बुरी खबर ! यहां भी महगांई डायन का डंक
कई महीनों तक कीमतों में स्थिरता के बाद अब चाय की कीमतें धीरे-धीरे बढ़ रही हैं, जिसके पीछे उत्पादन में गिरावट के साथ ही अन्य कारण जिम्मेदार हैं।
कोलकाता : कई महीनों तक कीमतों में स्थिरता के बाद अब चाय की कीमतें धीरे-धीरे बढ़ रही हैं, जिसके पीछे उत्पादन में गिरावट के साथ ही अन्य कारण जिम्मेदार हैं।
टी बोर्ड से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सितंबर में उत्तर भारत में चाय का उत्पादन गिरकर 4.2 करोड़ किलोग्राम रहा। वहीं, असम के अलावा पश्चिम बंगाल के दुआर्स और तराई क्षेत्रों में 'जलवायु की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण' चाय उत्पादन में 90 लाख किलोग्राम की कमी दर्ज की गई।
साल 2016 में भारत में कुल 126.74 करोड़ किलोग्राम चाय का उत्पादन हुआ था। इसमें से असम और पश्चिम बंगाल में कुल 105.45 करोड़ किलोग्राम चाय का उत्पादन हुआ।
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असम में चाय के उत्पादन में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई, जो सितंबर में करीब 3.1 करोड़ किलोग्राम कम रही।
उत्तर पूर्व चाय संघ के सलाहकार और टी बोर्ड ऑफ इंडिया के पूर्व उपाध्यक्ष बिद्यानंद बारकाकोटे ने आईएएनएस को बताया, "सितंबर और अक्टूबर का महीना असम के सालाना चाय उत्पादन में 25 से 30 फीसदी का योगदान करता है। यहां सितंबर में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में उत्पादन में 25 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि अक्टूबर में उत्पादन ठीक ठाक रहा।"
उन्होंने कहा, "उम्मीद है कि इस साल असम के चाय उत्पादन में पिछले साल की तुलना में कुल मिलाकर पांच फीसदी तक की गिरावट आएगी। इसे देखते हुए आनेवाले महीनों में चाय की कीमतों में वृद्धि की संभावना है।"भारत के सालाना चाय उत्पादन का करीब 50 फीसदी असम में ही होता है। यहां साल 2016 में कुल 66.9 करोड़ किलोग्राम चाय का उत्पादन हुआ था।
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कलकत्ता टी ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव कल्याण सुंदरम ने बताया, "औसत सीटीसी (क्रस्ड टीयर कर्ल) चाय की कीमतें अक्टूबर तक स्थिर थी, लेकिन हाल में कीमतों में तेजी दर्ज की गई है।
सीटीसी की औसत कीमतें पिछले साल की तुलना में 15-20 रुपये प्रति किलोग्राम अधिक हैं। उदाहरण के लिए सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली आसाम टी की कीमत 245-270 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि पिछले साल यह 230-250 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रही थी।"
रेटिंग एजेंसी आईसीआरए के उपाध्यक्ष और सेक्टर प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग) कौशिक दीक्षित ने आईएएनएस को बताया, "इस साल मौसम के पैटर्न के कारण उत्पादन में गिरावट आई है, जिससे कीमतें बढ़ी हैं। हालांकि सीजन के बाकी महीनों में कीमतों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी की संभावना नहीं है।"
--आईएएनएस