Tejashwi Yadav: सुप्रीम कोर्ट से तेजस्वी यादव को बड़ी राहत, अब नहीं चलेगा ट्रायल, जानें क्या है मामला

Tejashwi Yadav: शीर्ष अदालत ने इसके खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शिकायत को रद्द कर दिया है यानी अब उन पर इस मामले में निचली अदालत में कोई मुकदमा नहीं चलेगा।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2024-02-13 06:52 GMT

Tejashwi Yadav  (photo: social media )

Tejashwi Yadav: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव को सुप्रीम कोर्ट से एक मामले में मंगलवार को बड़ी राहत मिली है। गुजराती समाज को लेकर कथित रूप से उनके द्वारा एक विवादित बयान दिया गया था, जिसको लेकर उनके विरूद्ध आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई गई थी। शीर्ष अदालत ने इसके खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शिकायत को रद्द कर दिया है यानी अब उन पर इस मामले में निचली अदालत में कोई मुकदमा नहीं चलेगा।

दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम की उस याचिका पर अपना फैसला सुनाया, जिसमें अहमदाबाद की एक अदालत में लंबित उनके विरूद्द आपराधिक मानहानि के मामले को गुजरात से बाहर किसी अन्य जगह विशेषकर दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की थी। जस्टिस एएस ओका और जस्टिस उज्जवल भुइयां की डबल बेंच ने आज फैसला सुनाते हुए कहा कि तेजस्वी यादव के खिलाफ अहमदाबाद में अब ट्रायल नहीं चलेगा।

अदालत ने उनकी ओर से दायर माफीनामे को भी मंजूर कर लिया है। बता दें कि 29 जनवरी को हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राजद नेता से अपनी कथित ‘गुजराती ठग’ वाली टिप्पणी को वापस लेते हुए एक उचित बयान दाखिल करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद तेजस्वी ने हलफनामा दायर कर अपनी टिप्पणी वापस ले ली थी।

क्या है पूरा मामला ?

मामला मार्च 2023 का है। बिहार की राजधानी पटना में मीडिया से बातचीत करने के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा था कि वर्तमान स्थिति में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उनकी धोखाधड़ी माफ कर दी जाएगी। उन्होंने कथित तौर पर कहा था, अगर वे एलआईसी और बैंकों का पैसा लेकर भाग गए तो कौन जिम्मेदार होगा ?

अहमदाबाद के कारोबारी और कार्यकर्ता हरेश मेहता ने तेजस्वी के बयान को पूरे गुजराती समाज को बदनाम करने वाला वक्तव्य करार देते हुए उनके विरूद्ध आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। अहमदाबाद की अदालत ने अगस्त 2023 में इस पर सुनवाई करते हुए तेजस्वी को समन जारी किया था, जिसके खिलाफ राजद नेता ने ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाया, जहां से उन्हें अब राहत मिल गई है।

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