बकरियों को जेल! कर दी ऐसी बड़ी गलती, उठा ले गयी पुलिस

अपने हत्या, लूट, चोरी-चकारी के मामले में लोगों को गिरफ्तार होते देखा है या सुना भी होगा। लेकिन हम आपको एक ऐसी बात बताने जा रहे हैं जिसे सुन कर आप शायद हसने लगेंगे। ये वाकया है तेलंगाना के करीमनगर क्षेत्र के हुज़ूराबाद का जहां पुलिस ने दो बकरियों को गिरफ्तार कर लिया।

Update:2023-04-20 16:28 IST

हैदराबाद: अपने हत्या, लूट, चोरी-चकारी के मामले में लोगों को गिरफ्तार होते देखा है या सुना भी होगा। लेकिन हम आपको एक ऐसी बात बताने जा रहे हैं जिसे सुन कर आप शायद हसने लगेंगे। ये वाकया है तेलंगाना के करीमनगर क्षेत्र के हुज़ूराबाद का जहां पुलिस ने दो बकरियों को गिरफ्तार कर लिया।

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उन बकरियों पर ये आरोप था कि बकरियों ने तेलंगाना सरकार के हरित अभियान ''हरितः हारम'' के तहत लगाए गए पौधों को खा लिया। जिन बकरियों पर यह आरोप लगा है वह कई बार पौधे खा जाने का अपराध कर चुकी हैं और पुलिस ने इनके मालिक पर एक हजार का जुर्माना करने के बाद इन्हें छोड़ दिया है।

980 पौधों में से 250 पौधे खा चुकी हैं बकरियां

''सेव द ट्रीज'' नाम के एक एनजीओ ने जंगली बादाम के लगभग 980 पौधों को कई जगहों जैसे ऑफिस और हॉस्पिटल के आसपास लगाया था। यह बकरियां उन पौधों के लिए संकट बन गयीं और अब तक लगभग 250 पौधे खा चुकी हैं। इस मामले को लेकर एनजीओ कई बार पुलिस के पास शिकायत दर्ज़ करा चुका है।

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सेव द ट्रीज के एक कार्यकर्त्ता क़यासा विक्रांत ने बताया कि ''हमने स्कूलों, अस्पतालों और पुलिस स्टेशन के आसपास अपने पैसों से खरीद कर जंगली बादाम के करीब 980 पौधे लगाए थे। इन पौधों को बकरियों ने खा लिया।''

बकरियों के मालिक दोरनकोंडा राजा जो कुम्मरिवाड़ा के रहने वाले हैं, पुलिस ने उन्हें हजार रुपए का हर्जाना भरने को कहा है और बकरियों को छोड़ दिया है। पुलिस ने राजा को सलाह दी है कि वे इन बकरियों को शहर के बाहरी हिस्सों में चराए।

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राज्य में वन क्षेत्र बढ़ने के लिए ''तेलंगनाकु हरितः हारम'' राज्य सरकार की एक पहल है क्योंकि 33 % वन क्षेत्र केंद्र सरकार की तरफ से अनिवार्य कर दिया गया है। इस कार्यक्रम के दौरान सरकार ने नए पौधों को लगाने और उनकी देखभाल के लिए करोड़ो रुपए खर्च किए हैं।

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