कोरोना महादेव की एंट्री: रिटायर थानेदार ने बनवाया मंदिर, जानिए क्यों रखा ये नाम

कोरोना महामारी की वजह से दुनिया के लोगों का जीने का अंदाज बदल गया है। कोरोना ने इंसानों को इस महामारी से लड़ने की भी हिम्मत दी है। बहुत से मां बाप ने तो इस दौरान पैदा हुए बच्चों का नाम कोरोना रखा है, तो कोई इस महामारी से बचने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन पर ही अपने बच्चों के नाम रख दे रहा।

Update:2020-06-03 19:36 IST

बैतूल : कोरोना महामारी की वजह से दुनिया के लोगों का जीने का अंदाज बदल गया है। कोरोना ने इंसानों को इस महामारी से लड़ने की भी हिम्मत दी है। बहुत से मां बाप ने तो इस दौरान पैदा हुए बच्चों का नाम कोरोना रखा है, तो कोई इस महामारी से बचने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन पर ही अपने बच्चों के नाम रख दे रहा। अब कोरोना की वजह से मंदिरों से लोग दूर है। लेकिन एक खबर है कि मध्य प्रदेश के बैतूल में कोरोना से बचने के लिए एक प्राचीन मंदिर का नाम ही कोरोना महादेव मंदिर रख दिया गया।

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थानेदार ने बनवाया

यह मंदिर किसी आम आदमी ने नहीं, बल्कि एक रिटायर थानेदार ने बनवाया है। इस थानेदार ने रिटायर होने के बाद पुराने शिव मंदिर का जीर्णोद्धार कराया और इसका नाम रख दिया 'कोरोना महादेव मंदिर।' रिटायर थानेदार आरडी शर्मा ने इसके मंदिर केजीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया और यहां नई मूर्ति स्थापित करवा दी। संगमरमर से बनी इस मूर्ति को स्थापित करने के बाद मंदिर को कोरोना महादेव मंदिर नाम दे दिया।

 

इस वजह से रखा कोरोना नाम

बैतूल से 35 किलोमीटर दूर चिचोली कस्बे के थाना परिसर में एक कोरोना महादेव मंदिर लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। लॉकडाउन के चलते इस मंदिर में बहुत ज्यादा लोगों को पूजा पाठ की अनुमति नहीं है लेकिन एक-दो लोग जरूर यहां पूजा- पाठ के लिए पहुंच रहे हैं। मान्यता है कि यहां विराजित महाकाल की वजह से इलाके में अब तक कोरोना का एक भी पॉजिटिव केस नहीं आया है।

 

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यह शिव मंदिर बहुत पुराना है जिसकी मूर्ति खंडित हो गई थी। ऐसे में यहां तैनात टीआई आरडी शर्मा ने इसके जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया और यहां नई मूर्ति स्थापित करवा दी। संगमरमर से बनी इस मूर्ति को स्थापित करने के बाद इस मंदिर को कोरोना महादेव मंदिर नाम दे दिया गया। 31 मई को रिटायर हुए थानेदार का मानना है कि शिव भगवान की वजह से ही चिचोली इलाका कोरोना से मुक्त है और पूरे जिले में कोई अनहोनी नहीं हुई है। इसलिए शिव मंदिर के रखरखाव का दायित्व हमारा है।

 

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