देश में अनुसंधान, विकास पर खर्च कम, पर बदल रहा माहौल: राजीव कुमार

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश का अनुसंधान एवं विकास पर खर्च अभी भी कम है लेकिन मौजूदा सरकार माहौल में बदलाव ला रही है। वे यहां नीति आयोग और हावर्ड यूनिवर्सिटी के लक्ष्मी मित्तल एंड फैमिली साऊथ एशिया इंस्टीट्यूट (एलएमएसएआई) द्वारा आयोजित विज्ञान एवं समाज पर वार्षिक भारतीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

Update: 2019-04-04 16:05 GMT

नई दिल्ली: नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश का अनुसंधान एवं विकास पर खर्च अभी भी कम है लेकिन मौजूदा सरकार माहौल में बदलाव ला रही है। वे यहां नीति आयोग और हावर्ड यूनिवर्सिटी के लक्ष्मी मित्तल एंड फैमिली साऊथ एशिया इंस्टीट्यूट (एलएमएसएआई) द्वारा आयोजित विज्ञान एवं समाज पर वार्षिक भारतीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

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कुमार ने कहा, 'हमारा अभी अनुसंधान एवं विकास पर खर्च एक प्रतिशत से कम है। हम आरएंडडी पर जीडीपी का इतना ही खर्च कर रहे हैं। हमें इस दिशा में और कुछ करने की जरूरत है।' कुमार ने यह भी कहा कि देश में सीएसआईआर (वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद) प्रयोगशालाओं तथा निजी प्रयोगशालाओं के बीच कोई संयुक्त गठजोड़ नहीं है, इस पर गौर करने की जरूरत है।

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उन्होंने कहा कि एक और सवाल पूछे जाने की आवश्यकता है कि आखिर क्यों हमारे उद्योग अनुसंधान एवं विकास पर कम निवेश कर रहे हैं। कुमार ने कहा, 'लेकिन इस सरकार की तरफ से मुझे यह साझा करते खुशी है कि माहौल बदल रहा है। सरकार की अगुवाई में सकारात्मक बदलाव हुए हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की ओर नये सिरे से जोर दिया गया है।'

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उन्होंने कहा, 'मुझे अब यह पता चलता है कि अब नदी की सफाई के लिये जैव-प्रौद्योगिकी पर जोर है...देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास पर नई चर्चा है।' नवप्रवर्तन और छात्रों में कौशल विकास के लिये स्कूल के स्तर पर अटल टिंकरिंग लैब जैसी पहल की गयी हैं। कुमार ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी खंड में विभिन्न पक्षों के बीच तालमेल की कमी है, इसे पाटने की जरूरत है।

भाषा

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