हैप्पी बर्थडे 'प्रणब दा': इस वजह से PM नहीं बन पाये मुखर्जी

Update:2018-12-11 16:26 IST

लखनऊ: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आज जन्‍मदिन है। वह देश के 4 अहम मंत्रालयों रक्षा, वाणिज्‍य, विदेश और वित्‍त की बागडोर संभाल चुके देश के 13वें राष्ट्रपति बने थे। पद्म विभूषण से सम्‍मानित प्रणब मुखर्जी का जन्‍म आज ही के दिन या‍नी कि 11दिसंबर 1935 को बंगाल के वीरभूम जिले में हुआ था। आज उनके जन्‍मदिन के मौके पर newstrack.com आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ अहम बातों को बताने जा रहा है।

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1969 में शुरू हुआ राजनीतिक जीवन का सफर, इसके पहले थे शिक्षक

प्रणब मुखर्जी को लोग प्रणब दा के नाम से भी जानते हैं। राजनीति में आने से पहले मुखर्जी पश्चिम बंगाल के एक कॉलेज के शिक्षक भी रह चुके हैं। उनका पार्ल्‍यामेंट्री करियर 1969 में शुरू हुआ और वे कांग्रेस की तरफ से राज्‍यसभा के सदस्‍य बने।

बेस्‍ट फाइनेंस मिनिस्‍टर इन वर्ल्‍ड

'यूरोमनी' मैगजीन के मुताबिक वर्ष 1984 में प्रणब मुखर्जी 'बेस्‍ट फाइनेंस मिनिस्‍टर इन वर्ल्‍ड' चुने गए थे। वे पहले ऐसे वित्‍त मंत्री थे, जो 7 बजट पेश कर चुके हैं।

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पत्रकार भी रहे

राजनीतिज्ञ, शिक्षक के अलावा प्रणब मुखर्जी बतौर पत्रकार भी काम कर चुके हैं। उन्‍होंने लोकल बंगाली अखबार देशहर डाक में काम किया था।

संगीत और पढ़ने में है रूचि

प्रणब मुखर्जी को संगीत काफी पसंद है। इसके अलावा उन्‍हें बागवानी और पढ़ने का भी शौक है। पढ़ने के बारे में तो आपको जानकारी हैरानी होगी कि वह एक साथ तीन-तीन किताबें पढ़ते हैं।

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इस वजह से नहीं बन पाये थे पीएम

राष्‍ट्रपत‍ि रह चुके प्रणब मुखर्जी को अच्‍छी हिंदी बोलनी नहीं आती। इस बात को बताते हुए उन्‍होंने यह भी स्‍वीकार किया क‍ि यही वजह है जिसके चलते वह प्रधानमंत्री नहीं बन सके।

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