Udaipur Murder: पुलिस के खिलाफ भारी गुस्सा, कन्हैया के घर पर जमकर नारेबाजी, अंतिम यात्रा में जुटे हजारों लोग

Udaipur Murder: हमलावरों के आतंकी कनेक्शन की बात सामने आने के बाद गृह मंत्रालय ने उदयपुर हत्याकांड की जांच एनआईए को सौंप दी है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-06-29 13:20 IST

कन्हैया के घर पर जमकर नारेबाजी (photo: social media )

Udaipur Murder: राजस्थान के उदयपुर (Udaipur Murder) शहर में तालिबानी अंदाज में टेलर कन्हैया लाल की हत्या (Tailor kanhaiya lal murder) के खिलाफ देशभर में गहरी नाराजगी दिख रही है। हालांकि राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) ने इस हत्याकांड में शामिल दोनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है मगर इस पूरे प्रकरण में पुलिस की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। पोस्टमार्टम के बाद कन्हैया लाल का शव आज सुबह करीब 11 बजे घर पर पहुंचा तो लोगों ने पुलिस के खिलाफ आक्रोश जताया। लोगों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। घर पर काफी संख्या में जुटे लोगों ने हत्यारों को फांसी देने की मांग की। कन्हैया कुमार की अंतिम यात्रा (kanhaiya lal funeral) में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।

इस बीच हमलावरों के आतंकी कनेक्शन की बात सामने आने के बाद गृह मंत्रालय ने उदयपुर हत्याकांड की जांच एनआईए को सौंप दी है। गृह मंत्रालय का कहना है कि इस हत्याकांड में किसी भी संगठन की संलिप्तता और अंतरराष्ट्रीय लिंक की जांच किया जाना जरूरी है। इसीलिए यह मामला एनआईए को सौंपा गया है।

पुलिस के खिलाफ लोगों में भारी नाराजगी

पोस्टमार्टम के बाद जब आज कन्हैया लाल का शव घर पर पहुंचा तो घर पर मौजूद सभी लोगों का रो-रोकर बुरा हाल था। कन्हैया के बेटे को रोता हुआ देखकर घर पर मौजूद सभी लोगों की आंखों से आंसू निकल पड़े। किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए कन्हैया के घर के आसपास भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी मगर मौके पर जुटे लोगों ने पुलिस के खिलाफ आक्रोश जताते हुए नारेबाजी की। लोगों का कहना था कि यदि पुलिस ने उचित कदम उठाया होता तो कन्हैया की जान नहीं जाती।

कन्हैया की अंतिम यात्रा में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। काफी संख्या में लोग पैदल शव यात्रा में शामिल हुए तो काफी संख्या में लोग वाहनों पर भी सवार थे। शहर विधायक और विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने भी कन्हैया के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि राजस्थान पुलिस इस मामले में पूरी तरह फेल साबित हुई है। शिकायत करने के बावजूद पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।

राजस्थान पुलिस पर उठे सवाल

इस्लामिक स्टेट के आतंकियों की तर्ज पर गर्दन काटकर की गई कन्हैया लाल की हत्या में राजस्थान पुलिस भी सवालों के घेरे में फंसती जा रही है। खुद गहलोत सरकार ने भी राजस्थान पुलिस की चूक अस्वीकार की है। नूपुर शर्मा को लेकर कन्हैया लाल के फोन से गलती से हुई पोस्ट के बाद कुछ लोगों ने कन्हैया के खिलाफ शिकायत की थी। शिकायत पर तुरंत कदम उठाते हुए पुलिस ने कन्हैयालाल को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि बाद में उसे जमानत मिल गई थी।

जमानत मिलने के बाद कट्टरपंथियों की ओर से कन्हैया लाल को धमकियां दी जाने लगीं। धमकी के बाद कन्हैया इस मामले की शिकायत लेकर थाने भी पहुंचा था। उसने पुलिस को जान से मारने की धमकियां मिलने की बात भी बताई थी। कन्हैया की शिकायत के बावजूद पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करने और गिरफ्तारी का कदम नहीं उठाया। कार्रवाई के नाम पर पुलिस ने कुछ लोगों को थाने बुलाकर समझाया बुझाया और फिर उन्हें वापस भेज दिया। धमकी के बाद कन्हैया ने 6 दिनों तक अपनी दुकान भी नहीं खोली थी और मंगलवार को दुकान खोलते ही उसकी हत्या कर दी गई।

ओवैसी ने की नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग

इस बीच एआईएमआई एम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने उदयपुर हत्याकांड की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। यदि राजस्थान पुलिस ने इस मामले में सतर्कता बरती होती तो इस घटना को टाला जा सकता था।

उन्होंने कहा किकट्टरता को फैलने से रोकना होगा। इसके साथ ही ओवैसी ने आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए नूपुर शर्मा को गिरफ्तार करने की भी मांग की। ओवैसी ने कहा कि नूपुर शर्मा का भाजपा से निलंबन ही काफी नहीं है बल्कि उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

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