उद्वव ठाकरे ने छीनी पूर्व राज्यपाल रामनाईक की जेड श्रेणी सुरक्षा

इसके बाद जब नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो राष्ट्रपति ने 14 जुलाई, 2014 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर मनोनीत किया। इसके अलावा रामनाईक राजस्थान के राज्यपाल की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी निभा चुके हैं।

Update: 2019-12-20 15:06 GMT

लखनऊ: यूपी के पांच साल तक राज्यपाल रहे रामनाईक की महाराष्ट्र सरकार ने सुरक्षा कम कर दी है। उद्वव ठाकरे सरकार ने उनकी जेड श्रेणी सुरक्षा को हटा दिया है। अब उनको उससे कम सुरक्षा देने का फैसला लिया गया है। रामनाईक को अब वाई श्रेणी सुरक्षा दी गयी है।

मूल रूप से मुम्बई निवासी रामनाईक का कार्यकाल इसी साल जुलाई में पूरा हो चुका है। इसके बाद वह अपने गृह नगर मुम्बई में निवास कर रहे हैं। लेकिन हाल ही में महाराष्ट्र में भाजपा सरकार हटने के बाद गुरूवार रात को अचानक उनकी सुरक्षा कम दी गयी। रामनाईक के पास पिछले छह साल से जेड श्रेणी की सुरक्षा थी। लेकिन जुलाई में उनका कार्यकाल यूपी में खत्म होने के बाद वह वापस मुम्बई चले गए तो वहां भी देवेन्द्र फणनवीस सरकार ने उनकी सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखा था।

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लगातार पांच बार सांसद रहे हैं नाईक

पूर्व राज्यपाल राम नाईक महाराष्ट्र के उत्तर मुंबई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से लगातार पांच बार सांसद रहे हैं। इससे पहले अटल विहारी वाजपेयी सरकार में वह पेट्रोलियम मंत्री भी रह चुके हैं। 13 अक्टूबर 1999 से 13 मई 2004 तक ये पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री रहे। 15 जुलाई 2014 को राम नाईक ने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तथा सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था

इसके बाद जब नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो राष्ट्रपति ने 14 जुलाई, 2014 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर मनोनीत किया। इसके अलावा रामनाईक राजस्थान के राज्यपाल की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी निभा चुके हैं।

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रामनाईक जब यूपी के राज्यपाल बने तो उस समय प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी जिसके मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थें। उस दौरान उन्होंने सरकार पर अपनी पूरा नियन्त्रण रखा और कई पत्र सरकार को लिखकर फैसलों की सलाह दी। वर्तमान समय में जो नया सचिवालय बना है उसका नाम लोकभवन करने का विचार तत्कालीन राज्यपाल रामनाईक का ही है।

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