Sanatan Controversy: ‘करूणानिधि का पोता और स्टालिन का बेटा हूं, नहीं मांगूंगा माफी’, सनातन विरोधी बयान पर कायम उदयनिधि
Sanatan Controversy: उदयनिधि ने कुछ माह पूर्व सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसको लेकर देशभर में बवाल खड़ा हो गया था। उन्होंने तब माफी मांगने से इनकार कर दिया था।
Sanatan Controversy: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे हिंदी पट्टी के राज्यों में कांग्रेस पार्टी को बड़ी हार मिली है। दक्षिण में तेलंगाना ने बीजेपी को क्लीन स्वीप करने से रोक दिया और कांग्रेस की लाज बच गई। तीन राज्यों में बीजेपी की बंपर जीत के बाद तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उदयनिधि ने कुछ माह पूर्व सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसको लेकर देशभर में बवाल खड़ा हो गया था। उन्होंने तब माफी मांगने से इनकार कर दिया था।
उदयनिधि ने एकबार फिर स्पष्ट किया है कि वे किसी भी सूरत में माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने बीजेपी पर उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया है। अभिनेता से राजनेता बने उदयनिधि ने कहा कि मुझे माफी मांगने के लिए कहा गया था, पर मैं कोई माफी मांगने वाला नहीं क्योंकि मैं कलानिधि का पोता और स्टालिन का बेटा हूं। मैं वही फॉलो कर रहा हूं जो उनकी विचारधारा है।
विवादित बयान पर दी सफाई
तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि मैं चेन्नई में आयोजित सम्मेलन में केवल तीन मिनट बोला था। मैंने जो कुछ कहा था वह यही था कि सभी के साथ समान व्यवहार होना चाहिए और उनके साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। भेदभाव के किसी भी प्रयास को खत्म किया जाना चाहिए।
बीजेपी ने मेरे बयान को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। उन्होंने पूरे देश में मेरे बारे में बात करने को मजबूर कर दिया। प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान मेरे बारे में बात की। उन्होंने कहा कि मैंने नरसंहार का आह्वान किया है, जबकि मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा था। उदयनिधि ने आगे कहा कि कुछ संतों ने मेरे सिर पर 5-10 करोड़ का इनाम घोषित कर दिया।
अपने ऊपर दर्ज मुकदमों पर क्या बोले स्टालिन
सनातन पर विवादित बयान देने के बाद देश भर में कैबिनेट मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए। इन मुकदमों पर उन्होंने कहा कि मुझे कोर्ट पर भरोसा है। मुझसे अपने बयान पर माफी मांगने के लिए कहा गया। लेकिन मैंने कहा कि मैं माफी नहीं मांग सकता क्योंकि मैं कलानिधि का पोता और स्टालिन का बेटा हूं।
तमिलनाडु कांग्रेस ने किया था समर्थन
उदयनिधि स्टालिन के बयान ने इंडिया गठबंधन के साथ कांग्रेस के लिए भी असहज स्थिति पैदा कर दी थी। तमिलनाडु में कांग्रेस डीएमके की जूनियर पार्टनर है और सरकार में शामिल है। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के सांसद बेटे कार्ति चिदंबरम ने उदयनिधि के बयान का समर्थन किया था। जिसको लेकर बीजेपी पर हमलावर थी। वहीं, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इसका विरोध करते हुए आलाकमान से डीएमके को इंडिया गठबंधन से बाहर करने की मांग की थी। कल आए चुनाव नतीजों के बाद भी उन्होंने इसी विवाद की ओर इशारा करते हुए एक ट्वीट भी किया था, जिसमें लिखा था – सनातन का श्राप ले डूबा।
क्या कहा था उदयनिधि ने ?
इसी साल 2 सितंबर को तमिलनाडु राजधानी चेन्नई में आयोजित एक सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातम नाम संस्कृत का है। यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए। हम डेंगू, मलेरिया, मच्छर या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना है। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है।
दलित बिरादरी से आने वाले डीएमके सांसद ए राजा ने उदयनिधि के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उनका बयान काफी नरम था। उन्होंने और तीखा स्वर अपनाते हुए कहा था कि सनातन धर्म की तुलना सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से होनी चाहिए जबकि उदयनिधि ने सनातन की तुलना मलेरिया से की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सनातन की तुलना एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसे सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए।