मोदी सरकार को बड़ा झटका, बेरोजगारी दर चार महीने में सबसे ज्यादा
सरकार द्वारा लाख प्रयास किए जाने के बाद भी देश में बेरोजगारी की समस्या कम होने की बजाय लगातार बढ़ती दिख रही है। बेरोजगारी की दर बढ़कर 7.78 फीसदी तक पहुंच गई
नई दिल्ली: देश में बेरोजगारी की समस्या एक ज्वलंत समस्या है। सरकार द्वारा लाख प्रयास किए जाने के बाद भी देश में बेरोजगारी की समस्या कम होने की बजाय लगातार बढ़ती दिख रही है। ताजा जानकारी के अनुसार फरवरी महीने में भी रोजगार के मौके घट गए। इस महीने में बेरोजगारी की दर बढ़कर 7.78 फीसदी तक पहुंच गई। यह इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि यह दर बीते चार महीने में सबसे ज्यादा है। ये मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका है।
जनवरी की तुलना में बढ़ी दर
फरवरी महीने की बेरोजगारी दर जनवरी की तुलना में 0.62% बढ़ी है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) ने सोमवार को एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें यह आंकड़ा सामने आया। यह बेरोजगारी दर अक्तूबर, 2019 के बाद सबसे ज्यादा रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक सुस्ती का असर अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। वर्ष 2019 के आखिरी तीन महीनों में अर्थव्यवस्था की आर्थिक वृद्धि छह साल में निचले स्तर पर पहुंच गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी में ग्रामीण क्षेत्र में कम लोगों को रोजगार मिला है।
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ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी दर जनवरी(5.97%) की तुलना में बढ़कर 7.37 फीसदी तक पहुंच गई। हालांकि शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर में कम दर्ज की गई है। जनवरी में यह 9.70 फीसदी थी जो फरवरी में 8.65 प्रतिशत हो गई।
सरकार कर रही उल्टा दावा़
एक ओर जहां देश में बेरोजगारी की समस्या निरंतर बढ़ती जा रही है। वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा लगातार यह दावा किया जा रहा है, कि हमने बेरोजगारी की समस्या पर काबू पा लिया है। हाल ही में संसद में बजट पेश करते हुए देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी ये दावा किया कि सरकार निरंतर बेरोजगारी की समस्या को कम करने का प्रयास कर रही है। और हम काफी हद तक इसमें सफल भी हुए हैं।
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लेकिन हाल ही में ज़ारी रिपोर्ट कुछ अलग ही कहानी बयां कर रही है। अब देखना है कि लगातार बढ़ती इस बेरोजगारी की समस्या के लिए सरकार क्या कदम उठाती है।