'अटलजी' अजातशत्रु और दैवीय चमत्कार हैं - लालजी टंडन

Update:2018-08-16 12:17 IST

लखनऊ : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत आज भी नाजुक बनी हुई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में वह पिछले नौ सप्ताह से भर्ती हैं। उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है। इस बीच उनके स्वास्थ्य का हालचाल जानने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेतागण एम्स पहुंचे।

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लखनऊ से अटल जी गहरा नाता रहा है।उन्होंने यहां खूब छक कर जिन्दगी जिया।अटल जी बेहद करीबी रहे यूपी बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन ने newstrack.com को उनके जीवन की उन यादों को साझा किया जो उनके साथ विताए पल के दौरान घटित हुए थे।

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वरिष्ठ नेता लालजी टंडन ने बताया कि उनके व्यक्तित्व से जुड़ी ढ़ेर सारी बातें मेरे पास सुरक्षित है। इसके अलावा कुछ और बात करना जल्दबाजी होगी। आगे मैं अपने अनुभव साझा करूंगा।अटलजी जो भाषण में कहते थे लोग समझ नहीं सके थे। उसका संदेश उनकी कविता से चला जाता था।

उन्होंने कहा था कि -

टूटे मन से कोई खड़ा नहीं हो पाता

छोटे मन से कोई खड़ा नही हो पाता

ऐसा मन बहुत दुर्लभ मिलता है जो उनके पास था।

हमारे जीवन के लिए एक धरोहर है

अब इस समय उनके बारे में क्या कहा जा सकता है। हमारे बीच वह काफी समय तक रहे। उनका रहना ही हमारे लिये दिशा दर्शन है। कभी उन्होंने दलगत राजनीति को महत्व नहीं दिया। देश की राजनीति को महत्व दिया। चाहे पक्ष हो या विपक्ष सबके लिए उनके मन मे सम्मान था। हम सब लोगों को प्रार्थना करना चाहिए कि जल्द से जल्द उनकी पीड़ा दूर हों । उनका काम जो उन्होंने देश के लिए शुरू किया था वह अब चरम स्थिति पर है हम सब उनके सहयोगी के रूप में रहे। हम सौभागशाली है कि हमें उनसे इतना ज्ञान और उनका साथ मिला। यह हमारे जीवन के लिए एक धरोहर है। गर्व भी होता है कि हमारा अपना एक भारत का मस्तक ऊपर के लिए जीवन भर लगा रहा।

अभी तक वह परास्त नहीं हुए हैं

वरिष्ठ नेता लालजी टंडन ने बताया यह अंतिम दौर है और अभी तक वह परास्त नहीं हुए हैं। इतनी आयु के बाद भी वह हमारे बीच में है। उनका सक्रिय जीवन एक ऐसी स्थिति में है। कहाँ वह कुछ कर नहीं सकते उनकी आत्मा आज भी आम जन के बारे में सोच रही होगी। लखनऊ उनका कर्म क्षेत्र रहा है। राजनीति की शुरुआत से बहुत पहले से हमारा उनका सान्निध्य रहा है।

जब हम संघ के स्वयंसेवक थे और वह प्रचारक थे

वरिष्ठ नेता लालजी ने बताया जब हम संघ के स्वयंसेवक थे और वह प्रचारक थे। तब से हमरा उनका पारिवारिक संबंध रहा है। चाहे भाई भाई का कहिये या सेवक का।आज उनके बारे में कुछ बताने की जरूरत नहीं है। मैं प्रार्थना कर रहा हूँ कि उनके स्वास्थ्य में सुधार आये। यह सब चीजें इतिहास में दर्ज है। यह सब चीजें जब सामने आएगी कई ऐसे पहलू सामने आएंगे की अटलजी अजातशत्रु और दैवीय चमत्कार थे जो देश के लिए ही पैदा हुए। उनकी महानता के बारे में बताने की कोई जरूरत नहीं है। सब जानते हैं।

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