अब मोदी-शाह के गढ़ में गरजेंगे आदित्यनाथ, BJP ने गुजरात चुनाव के लिए बनाया स्टार प्रचारक
नई दिल्ली: यूपी विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नजर अब गुजरात बचाने पर है। खबरों की मानें, तो बीजेपी यूपी के नवनिर्वाचित सीएम आदित्यनाथ योगी को गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारक बनाने जा रही है।
बता दें कि इसी साल के आखिर में गुजरात में चुनाव होने हैं। गौरतलब है कि गुजरात बीजेपी का गढ़ माना जाता रहा है लेकिन इस बार पार्टी के लिए जीत की राह इतनी आसान नहीं है।
दरका है बीजेपी का वोट बैंक
माना जा रहा है कि इस बार गुजरात चुनाव के स्टार कैंपेनर पीएम मोदी और यूपी के सीएम आदित्यनाथ ही होंगे। बीजेपी विकास के मुद्दे पर मैदान में उतरेगी। साथ ही हिन्दुत्व के मुद्दे को भी आगे रखा जाएगा। गुजरात में बीते डेढ़ साल से जारी पाटीदार, दलित और ओबीसी आंदोलनों के चलते बीजेपी के कोर वोट बैंक में सेंध लग चुकी है। ऐसे में बीजेपी विकास और हिन्दुत्व का मिश्रित एजेंडे के साथ मैदान में उतरेगी।
शुरुआती लिस्ट में योगी का नाम
इस बारे में गुजरात की स्थानीय मीडिया की मानें तो राज्य की बीजेपी इकाई के अध्यक्ष जीतू वाघनानी की अगुवाई में हुई हालिया पार्टी बैठक में चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई थी। बैठक में प्रचारकों की शुरुआती लिस्ट में योगी आदित्यनाथ का नाम शामिल है। उनके अलावा पीएम मोदी और अमित शाह भी पार्टी के प्रचार की कमान संभालेंगे।
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'यूपी में 325, गुजरात में 150'
बीजेपी के लिए गुजरात विधानसभा चुनाव नाक का सवाल है। इसी वजह से पार्टी अभी से इसकी रणनीति तैयार करने में जुट गई है। पार्टी ने विधानसभा की कुल 182 सीटों में से 150 जीतने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए बाकायदा 'यूपी में 325, गुजरात में 150' का स्लोगन भी दिया गया है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इस वक्त देश में जिस तरह की मोदी लहर है बीजेपी उसका फायदा उठाने के लिए राज्य में वक्त से पहले भी चुनाव करवा सकती है। लिकिन राज्य इकाई इससे इंकार करती है।
हिंदूवादी एजेंडे के तहत लड़ेगी चुनाव
इस साल गुजरात विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए के लिए एक बड़ा प्रयोग होगा। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि बीजेपी की ओर से यूपी के सीएम आदित्यनाथ को स्टार प्रचारक बनाने से साफ है, कि पार्टी बिना ऐलान किए हिंदूवादी एजेंडे के तहत चुनाव लड़ेगी। हालांकि, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष जीतूभाई वाघाणी ने भी इसके संकेत दिए हैं। अगर इस रणनीति पर चलकर पार्टी चुनाव जीतने में सफल हो जाती है, तो पार्टी इसी एजेंडे के तहत साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरेगी।