Uttarakhand: टाइगर रिजर्व की जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ शुरू हुई बुलडोजर कार्रवाई, सात मजारों को किया गया ध्वस्त

Uttarakhand: टाइगरों के संरक्षण के लिए बनाया गया यह पार्क एक रिजर्व क्षेत्र है यानी यहां पर किसी तरह की आवाजाही प्रतिबंधित है। ऐसे में यहां बने 100 से अधिक मजार इस नियम का माखौल उड़ाते हैं।

Update:2023-05-15 16:19 IST
Uttarakhand Tiger Reserve (photo: social media )

Uttarakhand: देवभूमि उत्तराखंड स्थित जिम कार्बेट नेशनल पार्क देश के सबस पुराने बाघ संरक्षण क्षेत्रों में से एक है। जहां देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में सैलानी घूमने आते रहते हैं। लेकिन बीते कुछ सालों में यहां टाइगर रिजर्व की जमीन का अतिक्रमण कर कई मजारों का निर्माण किया गया। जिसके खिलाफ अब वन विभाग ने कार्रवाई शुरू की है। वन विभाग की जमीन पर बने ऐसे मजारों को चिन्हित कर उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है।

दरअसल, टाइगरों के संरक्षण के लिए बनाया गया यह पार्क एक रिजर्व क्षेत्र है यानी यहां पर किसी तरह की आवाजाही प्रतिबंधित है। ऐसे में यहां बने 100 से अधिक मजार इस नियम का माखौल उड़ाते हैं। बाघों के इस प्राकृतिक आवास में लोगों की खूब आवाजाही होती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्क में कुकुरमुत्ते की तरह नए-नए मजार बन गए हैं। जिसके पीछे की मंशा पार्क की जमीन हड़पने की है।

7 मजारों को किया गया ध्वस्त

वन विभाग ने टाइगर रिजर्व की जमीन पर बने उन सात मजारों को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया है, जिसका निर्माण अवैध तरीके से किया गया था। ऐसे कई और मजारों वन विभाग के रडार पर हैं, जिनके खिलाफ आने वाले दिनों में कार्रवाई की जाएगी। पिछले दिनों पौड़ी जिले के कोटद्वार में भी ऐसी ही कार्रवाई को अंजाम दिया गया था। वन विभाग की जमीन पर बनी अवैध मजार को जेसीबी की मदद से हटाकर उसे अतिक्रमण मुक्त कराया गया था।

सीएम धामी ने 6 माह का दिया था अल्टीमेटम

उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी अतिक्रमणकारियों को सख्त चेतावनी दे चुके हैं। उन्होंने अप्रैल में सरकारी जमीनों के अतिक्रमण पर कड़ा रूख अख्तियार करते हुए कहा था कि अवैध अतिक्रमण जहां भी होंगे, उसे सख्ती से हटाएंगे। हमने सभी से कहा है कि ऐसी जगहों से खुद ही अतिक्रमण हटा लें, अन्यथा सरकार हटाएगी। धामी ने आगे कहा था कि मामला चाहे लैंड जिहाद का हो या मजार जिहाद का उत्तराखंड में कोई भी काम कानून के विरूद्ध नहीं होने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने तब अतिक्रमणकारियों को 6 माह का अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि अगर उन्होंने अतिक्रमण नहीं हटाया तो सरकार सख्त एक्शन लेगी।

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