'जल जीवन मिशन' के तहत मणिपुर में 'उयाल जलापूर्ति योजना' बना मिसाल
मणिपुर के कंगपोकपी जिले में स्थित एक सुंदर गांव, उयाल, के हर घर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 'उयाल जलापूर्ति योजना' के अंतर्गत साफ पीने लायक और नियमित जलापूर्ति का सफल प्रयास किया है।
मणिपुर: मणिपुर के कंगपोकपी जिले में स्थित एक सुंदर गांव, उयाल, के हर घर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 'उयाल जलापूर्ति योजना' के अंतर्गत साफ पीने लायक और नियमित जलापूर्ति का सफल प्रयास किया है।
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केंद्र के महत्वाकांक्षी जलापूर्ति अभियान 'जल जीवन मिशन' के तहत उयाल और मणिपुर के वांगबल गांव के दो वार्डों में पाँच प्रतिशत सार्वजनिक योगदान के साथ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर जल सेवा की व्यवस्था की गई है । इस योजना को सफलता और सामुदायिक भागीदारी के सफल समापन के कारण अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर ख्याति मिली है।
उयाल और वांगबल गांव के लिए केंद्र सरकार ने उठाया ये कदम
उयाल और वांगबल गांव में स्वक्छ पानी की आपूर्ति हेतु, केंद्र सरकार द्वारा उयाल खुनौ ममंग चिंग में 3.97 लाख लीटर की क्षमता वाले जल शोधन संयंत्र को स्थापित किया गया है। इस संयंत्र को पानी एक 5 एकड़ के तालाब से मिलता है जो शोधन संयंत्र से 0.1 किमी दूर स्थित है। यह संयंत्र 'पंपिंग एंड ग्रैविटी' सिद्धांत पर काम करता है, जिसके अंतर्गत पानी को पंपों द्वारा 3.97 लाख लीटर क्षमता के जलाशय में संग्रहित किया जाता है और गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से घरों तक पहुँचाया जाता है।
केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में उयाल गांव के लगभग 1267 प्रमुखों और 271 परिवारों और वांगबल के लगभग 1200 प्रमुखों को शामिल किया गया है। इस योजना के अंतर्गत मोदी सरकार ने वांगबल के ग्रामीण क्षेत्रों को जल आपूर्ति नेटवर्क से जोड़ने के लिए एक अनूठा लागत सांझा मॉडल अपनाया है।
'ग्राम जल और स्वच्छता समिति' द्वारा प्रबंधित, इस योजना ने न केवल गांव समुदायों को योजना बनाने, प्रारूप तैयार करने, साइट का चयन करने और एक समुदाय प्रबंधित, मांग-चलित विकेंद्रीकृत प्रणाली के तहत योजना को लागू करने में मदद की बल्कि ग्रामीणों को 5% की आंशिक लागत साझा करने के लिए भी प्रोत्साहित किया। स्थानीय निवासियों को पानी के टैरिफ के रूप में वसूले गए धन की मदद से योजना के रखरखाव और संचालन की देख- रेख और व्यवस्था की जिम्मेदारी भी दी गई है।
थौबल बाजार से 7 कि.मी की दूरी पर स्थित उयाल गांव है
थौबल बाजार से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, उयाल गांव एक कमी-प्रवण क्षेत्र में स्थित है, जिसे पानी से संबंधित कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहाँ के ग्रामीणों को जल स्रोतों के सूखने, सूखा पड़ने, लंबी दूरी से पानी लाने की कठिनाइयों और जलजनित रोगों जैसी अनेको समस्याओ का सामना करना पड़ता है। लेकिन 'उयाल जलापूर्ति योजना' की सफलता के बाद स्थानीय लोगों की ऐसी अनगिनत समस्याओं का केंद्र सरकार की 'जल जीवन मिशन' स्कीम के अंतर्गत काफी हद तक निस्तारण हो गया है।
इस योजना की सफलता के बाद स्थानीय निवासियों को उनके घरों के परिसर में लगाए गए नलों से ताजा पेयजल मिल रहा है। अब तक उयाल में 200 घरों और वांगबल में 50 घरों में 150 रुपये प्रतिमाह पानी की टैरिफ दर पर घरेलू कनेक्शन दिया जा चुका है।
'उयाल जलापूर्ति योजना' केंद्र के 'जल शक्ति मंत्रालय' के अंतर्गत आती है
बताते चलें, 'उयाल जलापूर्ति योजना' केंद्र के 'जल शक्ति मंत्रालय' के अंतर्गत आती है। इस योजना के तहत 2024 तक पाइपलाइन द्वारा देश के सभी घरों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। यह महत्वाकांक्षी मिशन देशभर में भीषण जल संकट से जूझ रहे 256 जिलों में चलाया जा रहा है। मोदी सरकार तय समय सीमा में इस पहल को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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इस योजना के तहत ग्रामीणों को सरकारी अधिकारियों द्वारा पेयजल का सही उपयोग करने के लिए भी जागरूक किया गया है। इस योजना का उद्देश्य उयाल गांव और वांगबल के कुछ क्षेत्रों में 'जल जीवन मिशन' के अंतर्गत हर घर को पूर्ण कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन यानि functional household tap connection (एफएचटीसी) देना है।
केंद्र के जल आपूर्ति उद्देश्य की महत्वाकांक्षा, उयाल गांव में सुनिश्चित पेयजल आपूर्ति कराने में सफल पहल रही है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि स्थानीय लोगों को उनके घर में ही पर्याप्त, नियमित, सुरक्षित और सुविधाजनक पानी की आपूर्ति मिले।
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