CCD के मालिक वीजी सिद्धार्थ की मौत के बाद जानिए वो सब जिससे हैं अंजान

एशिया की सबसे बड़ी सीसीडी कंपनी के मालिक वीजी सिद्धार्थ सोमवार से लापता थे। दो दिनों तक पुलिस उनकी तलाश करती रही, आखिरकार मेंगलुरु को नेत्रावती नदी में उनका शव मिला। सोमवार को वीजी सिद्धार्थ रहस्यमय स्थिति में गायब हो गए थे।

Update:2019-07-31 13:22 IST
'कैफे कॉफी डे' (सीसीडी) के मालिक वीजी. सिद्धार्थ

नई दिल्ली : एशिया की सबसे बड़ी सीसीडी कंपनी के मालिक वीजी सिद्धार्थ सोमवार से लापता थे। दो दिनों तक पुलिस उनकी तलाश करती रही, आखिरकार मेंगलुरु को नेत्रावती नदी में उनका शव मिला। सोमवार को वीजी सिद्धार्थ रहस्यमय स्थिति में गायब हो गए थे। बेंगलुरु के मंगलौर स्थित अपने आवास से शाम को निकले थे, उसके बाद से उनका कोई पता नहीं चला है। सिद्धार्थ कर्नाटक के पूर्व सीएम एसएम कृष्णा के दामाद थे।

कार के ड्राइवर ने बताया

उनके ड्राइवर के बयान के आधार पर आशंका जताई जा रही है कि उन्होंने उल्लल पुल से छलांग लगा दी है। वीजी सिद्धार्थ ने एक पत्र के माध्यम से अपनी व्यथा बताई थी और उन्होंने निवेशकों के नाम एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने निवेशकों से माफी मांगी थी।

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सिद्धार्थ के ड्राइवर बसराव के अनुसार, उनके मालिक ने उन्हें नदी के पुल के पास छोड़ने और पुल के अंत में उनका इंतजार करने का निर्देश दिया था। लंबे इंतजार के बाद जब वीजी सिद्दार्थ वापस नहीं लौटे, तो ड्राइवर ने उनकी तलाश की उसके बाद उसने घर वालों को उनके गायब होने की सूचना दी थी।

घटना स्थल पर पहुंचकर परिवार वालों ने भी उनकी काफी खोजबीन की थी, उनका सेल फोन स्विच ऑफ था। इसके अलावा वहां पर कुछ सीसीडी कर्मचारी भी पहुंचे थे,उन्ही के समझाने पर ही ड्राइवर ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

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इसके पहले अग्निशमन कर्मचारी, एनडीआरएफ के होवरक्राफ्ट विंग और स्थानीय पुलिस ने नेत्रावती नदी में खोज शुरू की। हालांकि, लगातार बारिश और तेज हवाओं ने इन प्रयासों को रोक दिया, जिसके परिणामस्वरूप कोई भी ठोस राहत मिली। इस बीच सीसीडी संस्थापक के चालक को कुछ गलत होने का संदेह था।

काफी तलाश के बाद बुधवार सुबह लगभग 6.30 बजे स्थानीय मछुआरों ने मेंगलुरु के पास होयगे बाजार के नजदीक मुलिहितलु द्वीप के पास उनके शव को देखा और पुलिस को सूचना दी। पुलिस टीम ने उनके वीजी सिद्दार्थ होने की पुष्टि की।

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मेंगलुरु जिला पुलिस अधीक्षक संदीप पाटिल ने बताया कि उनके परिजनों ने शव की पहचान कर ली है। मृतक की काली जींस में एक पुराना नोकिया सेल फोन पाया गया है। उनके शव को राज्य सरकार द्वारा संचालित वेनलॉक अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है, जहां उनका पोस्टमार्टम हुआ।

ऐसे थे कॉफी किंग सिद्धार्थ…

वीजी सिद्धार्थ को नजदीक से जानने वाले बताते हैं कि वह बेहद सरल और मिलनसार इंसान थे। इतना कामयाब इंसान और घमंड का नामोनिशान नहीं। विनम्रता के धनी सिद्धार्थ अपने हर कर्मचारी का खास ख्याल रखते थे। एशिया की सबसे बड़ी सीसीडी कंपनी के मालिक होने के बाद भी उन्हें कॉफी किंग कहलाना पसंद नहीं था। वो हमेशा कहते थे कि वो एक आम आदमी हैं।

सिद्धार्थ मध्य कर्नाटक के चिकमंगलुर के रहने वाले थे। ये इलाका कॉफी के लिए मशहूर है। उनके पिता कॉफी उगाने वाले एक अमीर किसान थे। वो गांव में ही पले बढ़े और मैंगलोर से उन्होंने ग्रेजुएशन किया। 1996 में सीसीडी की शुरुआत हुई थी। लेकिन सिद्धार्थ 80 के दशक में शेयर बाज़ार को समझने के लिए वो मुंबई चले गए।

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1990 के दशक में वापस लौट कर उन्होंने कॉफी का कारोबार शुरू किया। साल 1996 में बेंगलुरु के ब्रिज रोड पर उन्होंने सीसीडी का पहला आउटलेट खोला और 23 साल में सीसीडी आउटलेट की संख्या 3500 से ज्यादा पर पहुंच गई और आज सीसीडी हर घर की शान बन गई है।

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