धर्म सभा: हम भीख नहीं मांग रहे,राम मंदिर के लिए कानून लाए सरकार: भैयाजी जोशी

अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की तरफ से रविवार को विराट धर्मसभा का आयोजन किया गया। विराट धर्म सभा के लिए राम भक्त सुबह 4 बजे से ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने लगे थे।

Update: 2018-12-09 02:40 GMT

नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की तरफ से आज विराट धर्मसभा का आयोजन किया गया। विराट धर्म सभा के लिए राम भक्त सुबह 4 बजे से ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने लगे थे। सभा प्रारम्भ होने के पहले ही घंटे में रामलीला मैदान समेत पूरी दिल्ली में लगभग पांच लाख राम भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा।

संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के ठीक दो दिन पहले राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग को लेकर हुई इस धर्मसभा के कई मायने तलाशे जा रहे हैं। मोटे तौर पर इसे केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के रूप में देखा जा रहा है।

मंच पर वीएचपी के बड़े पदाधिकारियों के साथ कई संत मौजूद रहे। धर्मसभा को साध्वी ऋतंभरा, महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, जगतगुरु हंसदेवाचार्य महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज, आरएसएस के सुरेश (भैय्याजी) जोशी, आलोक कुमार और बीएस कोकजे ने संबोधित किया।

RSS के सरकार्यवाहक भैय्याजी जोशी ने कहा

भय्याजी जोशी ने कहा कि हम राम मंदिर की भीख नहीं मांग रहे, बल्कि यह हमारा अधिकार तो है ही साथ ही संसद और सरकार का दायित्व भी है। न्याय व्यवस्था और न्यायालय की प्रतिष्ठा बनी रहनी चाहिए। न्याय व्यवस्था और राज सत्ता दोनों को अपने पूरे सामर्थ्य का उपयोग करते हुए जन भावना की उपेक्षा के स्थान पर उसका सम्मान करना चाहिए। जिससे जन विश्वास भी बना रहे। मंदिर वहीं बनाएंगे ये सत्तारुढ दल का संकल्प भी है।

आगे कहा, 'हम चाहते हैं, जो भी हो शांति से हो। संघर्ष करना होता तो इंतजार नहीं करते। इसलिए सभी लोग इसमें सकारात्मक पहल करें। हमारा किसी के साथ संघर्ष नहीं, राम राज्य में ही शांति आती है।'

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जोशी ने कहा, 'भगवान राम का मंदिर भविष्य में रामराज्य का आधार बनेगा। अयोध्या में भगवान राम के दर्शन करने वाले आज दुखी होते हैं| भक्त मंदिर में भगवान के दर्शन करना चाहते हैं। सब चाहते हैं राम भव्य मंदिर में रहें। 1992 में काम अधूरा रह गया। ढांचा गिरा पर मंदिर नहीं बना। संविधान का रास्ता बाकी है। हमारी यही अकांक्षा है कि कानून बनाते हुए राम मंदिर की सभी बाधाएं दूर हों। न्यायालय से भी यही अपेक्षा है कि वह जन्मभूमि का सम्मान करेगा।'

क्या बोले VHP के उपाध्यक्ष चंपतराय?

धर्मसभा को संबोधित करते हुए VHP के उपाध्यक्ष चंपतराय ने कहा, 'अगर इंडिया गेट से जॉर्ज पंचम हटाए जा सकते हैं, विक्टोरिया गायब हो सकती है, इरविन हॉस्पिटल, विलिंगटन हॉस्पिटल, औरंगजेब रोड के नाम बदले जा सकते हैं, सोमनाथ पुनर्निमाण का संकल्प भारत की राजसत्ता 1950 में कर सकती है, तो आज की राजसत्ता भी संकल्प करे। हिंदुस्तान की तरुणाई इस राजसत्ता को बल प्रदान करने के लिए यहां आई है। आगे बढ़ो, कानून बनाओ, अयोध्या हिंदुओं का तीर्थ है, मोक्ष नगरी है, ये हिंदुओं का ही तीर्थ रहेगा, किसी आक्रमणकारी का कोई प्रतीक नहीं चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'देश की संस्थाओं को गुलामी अस्वीकार करनी ही होगी| हमें कानून से मंदिर चाहिए. सरकार और न्यायपालिका का धर्म है कि वो जिस देश में रहते हैं, उसके सम्मान की रक्षा करें। उसके गौरव में वृद्धि करे, जिन आक्रमणकारियों ने देश पर हमले किए, उनकी निशानियां हटाओ। उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने भगवान राम के जन्मस्थान के 3 टुकड़े कर दिए। हमें तीन टुकड़े नहीं, पूरा स्थान चाहिए। हम एक इंच जमीन नहीं देंगे। हमें ऐसा कानून चाहिए, जिसमें भगवान राम की जन्मभूमि व लीला भूमि हिंदूओं को प्राप्त हो। हमें बंटवारा स्वीकार नहीं है।'

विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कही ये बात

विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि राम मंदिर चुनाव का मुद्दा न हो कर आत्मसम्मान का मुद्दा है। न्यायालय की प्रतीक्षा अनंत काल तक नहीं की जा सकती। संसद जनता की आकांक्षाओं के अनुसार कानून बना कर मंदिर निर्माण की राह खोले।

शीतकालीन सत्र में विधेयक लाने का दबाव

वीएचपी के महासचिव सुरेंद्र जैन का दावा है कि इस धर्मसभा से उन लोगों का हृदय परिवर्तन होगा, जो मानते हैं कि संसद के शीतकालीन सत्र में राम मंदिर पर विधेयक लाना संभव नहीं है।

निर्मोही और निर्वाणी अखाड़ा ने किया किनारा

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हो रही धर्मसभा से निर्मोही अखाड़ा और निर्वाणी अखाड़ा ने किनारा किया। 25 नवंबर को अयोध्या में हुई धर्मसभा में भी निर्मोही अखाड़ा शामिल नहीं हुआ था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर राम जन्मभूमि को तीन हिस्सों में बांटा गया है, जिसमें एक हिस्सा निर्मोही अखाड़े को दिया गया है।

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इन मार्गों पर वाहनों की आवाजाही रही प्रतिबंधित

राजधानी में रामलीला मैदान में आयोजित होने वाली इस रैली को ध्यान में रखते हुए कई मार्ग परिवर्तित किये गए थे। ट्रैफिक पुलिस ने आम लोगों से रविवार को मध्य दिल्ली में आने से बचने की अपील की थी। रंजीत सिंह फ्लाईओवर पर गुरुनानक चौक से बाराखंबा रोड, विवेकानंद मार्ग पर दोनों तरफ, जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर राजघाट से दिल्ली गेट तक, कमला मार्केट से गुरुनानक चौक तक और चमन लाल मार्ग से वीआईपी गेट रामलीला मैदान तक वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित रही। जिसके चलते दिल्ली में लोगों को काफी दिक्कत हुई।

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कड़े सुरक्षा इंतजाम

पूरी दिल्ली में रामलीला मैदान सहित 30 कंपनी अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनात की गई थी। रामलीला मैदान के आसपास के रूट पर 30 पीसीआर तैनात थीं। आयोजन स्थल के पास दमकल वाहनों की तैनाती की गई थी। विभिन्न रूटों पर 500 ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात रहे।

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