Telangana Election 2023: तेलंगाना की 119 सीटों के लिए मतदान कल, कड़े सुरक्षा बंदोबस्त, भाजपा ने बढ़ा रखी है कांग्रेस की चिंता

Telangana Election 2023: चार राज्यों में मतदान का काम पूरा होने के बाद अब कल तेलंगाना में वोटिंग की बारी है। तेलंगाना में विधानसभा की 119 सीटों के लिए कल सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा। राज्य में 35,655 मतदान केंद्रों पर 3 करोड़ 26 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-11-29 20:24 IST

तेलंगाना की 119 सीटों के लिए मतदान कल,कड़े सुरक्षा बंदोबस्त, भाजपा ने बढ़ा रखी है कांग्रेस की चिंता: Photo- Social Media

Telangana Election 2023: चार राज्यों में मतदान का काम पूरा होने के बाद अब कल तेलंगाना में वोटिंग की बारी है। तेलंगाना में विधानसभा की 119 सीटों के लिए कल सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा। राज्य में 35,655 मतदान केंद्रों पर 3 करोड़ 26 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें से 12 हजार से ज्यादा मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है। राज्य में निष्पक्ष और स्वतंत्र मतदान सुनिश्चित करने के लिए कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं।

तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में 2290 प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में उतरे हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में केसीआर की अगुवाई वाली बीआरएस और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है। भाजपा भी इन दोनों दलों को कड़ी चुनौती देने की कोशिश में जुटी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के दिग्गज नेताओं ने इस बार प्रचार में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। भाजपा की ओर से मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा रखी है।

इन दिग्गजों की किस्मत का होगा फैसला

मिजोरम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग खत्म होने के बाद अब सबकी निगाहें कल तेलंगाना में होने वाले मतदान पर लगी हुई हैं। तेलंगाना का विधानसभा चुनाव बीआरएस,कांग्रेस और भाजपा के साथ ही एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के लिए भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चुनावी बाजी जीतने के लिए इस बार सभी दलों ने पूरी ताकत लगाई है।

एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी: Photo- Social Media

कल होने वाले मतदान में राज्य के मतदाता जिन प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे, उनमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर),उनके मंत्री पुत्र केटी रामा राव, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ए.रेवंत रेड्डी, भाजपा के लोकसभा सदस्य बंदी संजय कुमार, डी अरविंद और सोयम बापू राव शामिल हैं। मुख्यमंत्री केसीआर इस बार गजवेल और कामारेड्डी दो चुनाव क्षेत्रों से चुनाव मैदान में उतरे हैं। कामारेड्डी के अखाड़े में उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी की ओर से कड़ी चुनौती मिल रही है।

कई सीटों पर होगा त्रिकोणीय मुकाबला

इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस खुद को बीआरएस के मजबूत विकल्प के रूप में पेश करने में जुटी हुई है। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने केसीआर की सरकार को भ्रष्ट साबित करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। राज्य की अधिकांश सीटों पर कांग्रेस बीआरएस को सीधे मुकाबले में कड़ी चुनौती दे रही है मगर तमाम सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।

भाजपा ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता

राज्य में भाजपा की मजबूती कांग्रेस के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। दरअसल कांग्रेस को केसीआर विरोधी मतों के बंटवारे का खतरा महसूस हो रहा है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारी ओर से पूरी कोशिश की गई है कि मुकाबला त्रिकोणीय न बन सके क्योंकि इससे सत्ता विरोधी मतों के बंटवारे का खतरा पैदा हो जाएगा।

केसीआर को इसका बड़ा सियासी लाभ मिल सकता है। मजे की बात यह है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों की ओर से एक-दूसरे पर बीआरएस से मिलीभगत होने का आरोप लगाया जा रहा है।

Photo- Social Media

मुस्लिम मतों के लिए हो रही तीखी जंग

तेलंगाना के चुनाव में इस बार बीआरएस और कांग्रेस के बीच मुस्लिम वोटो के लिए जबर्दस्त जंग छिड़ी हुई है। मुस्लिम मतों को हासिल करने के लिए कांग्रेस और बीआरएस की ओर से बड़े-बड़े वादे किए गए हैं। कांग्रेस ने अल्पसंख्यक कल्याण बजट को 4000 करोड़ तक बढ़ाने का वादा किया है। इसके साथ ही नौकरियों, शिक्षा और सरकारी योजनाओं में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण का बड़ा वादा किया गया है। इसके साथ ही कई अन्य वादे भी किए गए हैं।

दूसरी ओर तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने मुस्लिम समुदाय के लिए अलग आईटी पार्क बनाने का वादा कर डाला है। बीआरएस की ओर से भी मुस्लिम मतों को लुभाने के लिए तमाम घोषणाएं की गई हैं। भाजपा ने सत्ता में आने पर मुस्लिम आरक्षण खत्म करने का वादा किया है। भाजपा नेताओं की ओर से कांग्रेस और बीआरएस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया गया है। इसके जरिए भाजपा ने हिंदू मतों को गोलबंद करने की कोशिश की है। ऐसे में सबकी निगाहें अब कल होने वाले मतदान पर टिकी हुई हैं।

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