Weather Today: आज इन इलाकों में होगी झमाझम बारिश, मानसून की सक्रियता का दिखेगा असर

Weather Update Today: दक्षिण-पश्चिम मानसून ने अब पूरे देश में दस्तक दे दी है। गुजरात और राजस्थान के कई इलाकों में बारिश का दौर शुरू होने के बाद मौसम विभाग का मानना है कि मानसून अब पूरे देश में सक्रिय हो चुका है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-07-03 02:50 GMT

Weather Update India Today (image credit social media)

Weather Update Today: दक्षिण-पश्चिम मानसून ने अब पूरे देश में दस्तक दे दी है। गुजरात और राजस्थान के कई इलाकों में बारिश का दौर शुरू होने के बाद मौसम विभाग का मानना है कि मानसून अब पूरे देश में सक्रिय हो चुका है। सामान्य तिथि से 6 दिन पहले ही देश के विभिन्न इलाकों में दक्षिण पश्चिम मानसून की सक्रियता के कारण अच्छी बारिश हो रही है। हालांकि अभी तक दक्षिण और पश्चिम मानसून की रफ्तार धीमी चल रही है और इसका असर खरीफ की बुवाई पर भी पड़ा है। 

वैसे मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दिनों में मानसून रफ्तार पकड़ेगा और इसका असर जुलाई महीने के दौरान अच्छी बारिश के रूप में दिखेगा। पिछले 24 घंटे के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में अच्छी बारिश हुई है और मौसम विभाग का कहना है कि आज भी देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश का असर दिखेगा। हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत कई प्रदेशों में आज बारिश होने की संभावना है। वैसे जुलाई के दौरान देश में सामान्य से ज्यादा तापमान रहने की संभावना जताई गई है। 

इन इलाकों में दिखेगा बारिश का असर

मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटे के दौरान छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, आंतरिक गुजरात, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों पर बारिश होने की आशंका है। स्काईमेट वेदर के मुताबिक सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, गुजरात के कुछ हिस्सों, लक्षद्वीप, विदर्भ और तेलंगाना के कुछ हिस्सों मैं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

इसके साथ ही तटीय ओडिशा, मध्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों, उत्तरी राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है। पिछले 24 घंटे के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में अच्छी बारिश हुई है और मौसम विभाग के मुताबिक संभावना है कि आगे भी यह दौर जारी रहेगा। 

झारखंड, मध्य प्रदेश और दिल्ली का मौसम 

झारखंड में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग के जानकारों का कहना है कि पूर्वी-पश्चिमी क्षेत्र में बने मानसून टर्फ का असर झारखंड में दिख रहा है। इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी में भी निम्न दबाव वाला क्षेत्र बना हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक इस कारण पूरे झारखंड में 3 और 4 जुलाई को जमकर बारिश होने की संभावना है। मध्यप्रदेश में भी आज रीवा और शहडोल संभाग के विभिन्न जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। 

मौसम विभाग का कहना है कि राजधानी भोपाल सहित इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर और सागर सहित प्रदेश के कई अन्य इलाकों में भी आज जमकर बारिश होने की आशंका है। कई इलाकों में गरज के साथ बिजली गिरने की आशंका भी जताई गई है। राजधानी दिल्ली में अगले सप्ताह तक बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। पिछले कुछ दिनों में बारिश के कारण लोगों को प्रचंड गर्मी और उमस से काफी राहत मिली है।।

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट 

हिमाचल प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरी तरह सक्रिय हो गया है। शुक्रवार की रात प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में झमाझम बारिश हुई और अब अगले चार दिनों तक प्रदेश में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग का कहना है कि आगामी छह जुलाई तक प्रदेश का मौसम खराब रहने के आसार हैं। प्रदेश के उच्च पर्वतीय इलाकों में इस दौरान भारी बारिश हो सकती है। 

राजधानी शिमला सहित कई इलाकों में शनिवार को धुंध के साथ बदली छाई रही। इस दौरान लोगों को भारी बारिश का सामना करना पड़ सकता है। प्रदेश में गुरुवार और शुक्रवार को भी सामान्य से 54 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई थी। प्रदेश के कई इलाकों में बारिश के कारण बस यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। कुछ इलाकों में सड़कें खराब होने और मलबे के कारण बसों के फंस जाने से आवागमन भी प्रभावित हुआ। 

खरीफ की बुवाई पर बड़ा असर 

इस बार जून के महीना में लोगों को प्रचंड गर्मी का सामना करना पड़ा और इस दौरान मानसून की बेरुखी भी दिखी। मानसून की बेरुखी का खरीफ की बुवाई पर भी बुरा असर पड़ा है। जुलाई की शुरुआत तक खरीफ की बुवाई में 15.70 लाख हेक्टेयर यानी 5.33 फ़ीसदी की कमी आई है। देश पहले ही गेहूं की कम पैदावार की मार झेल रहा है। अब देश पर खरीद की कम बुवाई का खतरा भी मंडराने लगा है। कृषि जानकारों का कहना है कि मानसून के लेट होने के कारण इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा खरीफ फसलों की कम बुवाई हो सकी है।

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