Rain Forecasts: अगस्त में जमकर बरसे बदरा...तो सितंबर में मचेगा 'बारिश का हाहाकार', इन राज्यों के लिए IMD का अलर्ट

IMD Rain Forecasts: आईएमडी ने बताया कि सितंबर महीने में आने वाले हफ्तों में भारत के कई हिस्सों में ‘बहुत भारी बारिश’ होने के अनुमान है। पूरे देश में सितंबर माह में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, जो 167.9 मिमी की लंबी अवधि के औसत का 109 प्रतिशत है।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-08-31 13:07 GMT

IMD Forecasts Rain:  इस बार मानसून ने जुलाई के बाद अगस्त में जो रफ्तार पड़ी, उससे देश के विभिन्न हिस्सों में हुए जोरदार से नदियां नाले उफना गए हैं, जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हुए हैं। देश के कई हिस्सों में बाढ़ के हालात लोगों को काफी पेशानियों का सामना करना पड़ा है और यह परेशानियों अभी और बढ़ने वाली हैं। अगस्त में मानसून की हुई बारिश से ज्यादा सितंबर में जोरदार वर्षा के संकेत मिले हैं, जो कि कई लिहाज से अच्छे भी हैं, जबकि बाढ़ ग्रस्त इलाकों के लिए बुरे भी। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने शुक्रवार को भारत में सितंबर महीने की मानसून बारिश की भविष्यवाणी की है।

पश्चिम भारत में टूटा 23 का रिकॉर्ड

आईएमडी ने बताया कि सितंबर महीने में आने वाले हफ्तों में भारत के कई हिस्सों में ‘बहुत भारी बारिश’ होने के अनुमान है। पूरे देश में सितंबर माह में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, जो 167.9 मिमी की लंबी अवधि के औसत का 109 प्रतिशत है। उत्तर-पश्चिम भारत और आसपास के इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की मौसम विभाग ने उम्मीद लगाई है। अगस्त महीने में उत्तर-पश्चिम भारत में हुई बारिश ने 23 महीने का रिकॉर्ड ही तोड़ दिया। अगस्त में उत्तर-पश्चिम भारत के अलावा देश के कई हिस्सों में जोरदार बारिश हुए, जबकि पश्चिम भारत में अगस्त के महीने में 253.9 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 2001 के बाद से दूसरी सबसे अधिक बारिश है।

भारत के अधिकांश क्षेत्रों जोरदार बारिश के संकेत

सितंबर के मानसून पर पूर्वानुमान जारी करते हुए आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। सिवाय उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों के। दक्षिणी प्रायद्वीप के कई इलाकों, उत्तरी बिहार और उत्तर-पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है।


यहां होगी कम वर्षा

मौसम विभाग ने कहा कि हिमालय की तलहटी और पूर्वोत्तर के कई जिलों में ‘सामान्य से कम बारिश’ होगी, क्योंकि अधिकांश निम्न दबाव प्रणालियां अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर चली गईं और मानसून की द्रोणिका भी अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर बनी रही।

केरल और महाराष्ट्र के विदर्भ में कम हुई वर्षा

महापात्रा ने कहा कि केरल और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के साथ-साथ पूर्वोत्तर के कई राज्यों में कम बारिश हुई। आईएमडी का यह अपडेट ऐसे समय आया, जब चक्रवात असना गुजरात में आया और भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। मौसम विभाग ने बताया कि अरब सागर के ऊपर बना गहरा दबाव अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर-पूर्व अरब सागर के ऊपर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और भारतीय तट से दूर जाने की उम्मीद है।


गुजरात में इतना बरसे बदरा

आईएमडी के वैज्ञानिक रामाश्रय यादव कहा कि पिछले 24 घंटों में कच्छ में बहुत भारी बारिश हुई है। गुजरात में 1 जून से लेकर अब तक 882 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 50% अधिक है। सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में भी सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है।

भारत में हुई सामान्य से अधिक वर्षा

वहीं, अगर हम इस बार देश के मानसून बारिश पर नजर डालें तो अगस्त में 287.1 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि सामान्य तौर पर 248.1 मिमी बारिश होती है। कुल मिलाकर, एक जून को मानसून की शुरुआत के बाद से भारत में अब तक 749 मिमी वर्षा हुई है, जबकि इस अवधि में सामान्य तौर पर 701 मिमी बारिश होती है।

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