बंगाली आसामान से पानी मिल रहा है, जिसे जमीन से हम वापस भेज रहे हैं

Update:2017-07-26 16:34 IST

रांची : झारखंड सरकार ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस दावे को खारिज कर दिया कि राज्य अपने बांधों से बगैर पूर्व सूचना के पानी छोड़ रहा है, जिसके कारण पड़ोसी राज्य में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। झारखंड के जल संसाधन मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी ने कहा, "हम अंतर-राज्यीय समझौता तथा बांध की सुरक्षा को दखते हुए हुए पानी छोड़ रहे हैं।"

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उन्होंने कहा, "तेनुघाट बांध का उदाहरण लीजिए। समझौते के मुताबिक, हमें 40 फुट से ऊपर का पानी बंगाल में छोड़ना है। वर्तमान में तेनुघाट बांध का जलस्तर 854 फीट है। यह हालात एक अपवाद है।"

मंत्री ने कहा कि यह मॉनसून की बारिश नहीं है, बल्कि यह बारिश बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से हो रही है। उन्होंने हलके-फुलके अंदाज में कहा, "हमें बंगाल से आसामान से पानी मिल रहा है, जिसे जमीन के माध्यम से हम वापस बंगाल भेज रहे हैं।"

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पश्चिम बंगाल सिंचाई विभाग ने मंगलवार को दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) द्वारा पंचायत बांध से पानी छोड़ने के फैसले का विरोध करते हुए कहा था कि इससे निचले इलाकों में सैलाब के हालात और खराब होंगे।

चौधरी ने कहा, "डीवीसी के तहत आने वाले बांधों पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है।"

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चूंकि झारखंड के बांधों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, इसलिए वह तेनुघाट, पतरातू, चांदिल तथा अन्य बांधों से पानी छोड़ रहा है।

जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "बंगाल में सिंचाई की सुविधा है और उसे डीवीसी से पैदा होने वाली बिजली भी मिलती है। झारखंड इलाके में पड़ने वाले जलग्रहण क्षेत्र का फायदा बंगाल को मिलता है।"

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