Bharat Ratna Award: क्यों दिया जाता है भारत रत्न, ये मिलती हैं सुविधाएं; जानें सब कुछ

Bharat Ratna Award: भारत रत्न पुरस्कार देश का सबसे बड़ा पुरस्कार, सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने किसी भी क्षेत्र में असाधारण और सर्वोच्च सेवा दी होती हैं।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-02-09 07:41 GMT

Bharat Ratna Award (सोशल मीडिया) 

Bharat Ratna Award: केंद्र की सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार बीते 10 साल से कम अंतराल में देश के 8 लोगों को भारत रत्न पुरस्कार से नवाज चुकी है। अब 9वां भारत रत्न सम्मान देने की घोषणा की है। यह सम्मान समाजवादी नेता, दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे चुके एवं जननायक स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को दिया जाएगा, इसका ऐलान मोदी सरकार ने मंगलवार को किया। इस पुरस्कार की घोषणा से एक बार लोगों की जुबां पर भारत रत्न पुरस्कार की चर्चा होने लगी है। हम आपके लिए इस पुरस्कार से जुड़ी वह अहम जानकारी निकालकर लाए हैं कि जो जानना आपके लिए काफी अहम है, इस पुरस्कार से जुड़े हर सवाल की जानकारी मिल जाएगी। 

भारत रत्न पुरस्कार क्या?

दरअसल, भारत रत्न पुरस्कार देश का सबसे बड़ा पुरस्कार, सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने किसी भी क्षेत्र में असाधारण और सर्वोच्च सेवा दी होती हैं। इस पुरस्कार को राजनीति, कला, साहित्‍य, विज्ञान के क्षेत्र में किसी विचारक, वैज्ञानिक, उद्योगपति, लेखक और समाजसेवी को प्रदान किया जाता है। यह सम्मान जरूरी नहीं हर साल दिया जाए, लेकिन जिस भी साल यह सम्मान दिया जाता है तो अधिकतम तीन ही लोगों को सम्मान मिलता है। यह सम्मान एक भी हो सकता है। इसके लिए किसी औपचारिक सिफारिश की जरूरत नहीं होती है।

कब से हुई पुरस्कार की शुरूआत?

देश में भारत रत्न पुरस्कार की शुरुआत 2 जनवरी, साल 1954 से हुई। तब के राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने की थी। इसका पहला सम्मान स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन को उसी साल दिया गया, जब इसकी शुरुआत हुई थी। जिसका इसकी शुरुआत हुई थी, तब इसमें प्रवाधान रखा गया है कि भारत रत्न सम्मान केवल जीवित व्यक्ति को ही दिया जाएगा, लेकिन उसके अगले साल ही इसमें मरणोपरांत प्रवाधान भी जोड़ दिया गया है। जिन व्यक्तियों का निधन हो चुका है और उन्होंने जीवित रहते हुए देश के लिए अपने क्षेत्र में असाधारण कार्य कर मान बढ़ाया, जिन्हें साल 1955 से मरणोपरांत भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री करता है नाम की सिफारिश

भारत रत्न का सम्मान 26 जनवरी को दिया जाता है। इसकी आधिकारिक घोषणा भारत के राजपत्र में अधिसूचना जारी कर कर दी जाती है। इस पुरस्कार के नाम की सिफारिश वर्तमान के प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है। उसके बाद इस सिफारिश को राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है। फिर राष्ट्रपति द्वारा उस व्यक्ति को यह सम्मान प्रदान किया जाता है।

आखिरी बार 2019 में मिला था सम्मान

भारत में साल 1954 से लेकर 2019 तक कुल 48 लोगों को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। आखिरी बार यह पुरस्कार साल 2019 में दिया गया था। तब समाज सेवा के क्षेत्र में नानाजी देशमुख (मरणोपरांत), कला क्षेत्र में डॉक्टर भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) और लोक-कार्य के लिए भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न सम्मान जीवन काल में मिला था। यह सम्मान जीवन काल और मरणोपरांत दोनों में प्रदान किया जाता है। साल 2024 में 49वां भारत रत्न पुरस्कार कर्पूरी ठाकुर को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जाना है। गणतंत्र दिवस की दो दिन पूर्व 24 जनवरी यानी आज कर्पूरी ठाकुर की जयंती है, लेकिन उन्हें यह सम्मान 26 जनवरी को प्रदान किया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहली बार भारत रत्न सम्मान प्रदान करेंगी।

सम्मान पाने वालों को क्या मिलता है?

जिस व्यक्ति को यह सम्मान प्राप्त होता है, उसे भारत सरकार की ओर से एक प्रमाणपत्र और एक मेडल दिया जाता है। सरकारी महकमे सारी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। सभी अहम सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने का न्योता मिलता है। राज्य सरकारें भारत रत्न पाने वाली हस्तियों को अपने राज्यों में सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं। इसके अलावा वॉरंट ऑफ़ प्रेसिडेंस का इस्तेमाल सरकारी कार्यक्रमों में वरीयता देने के लिए होता है। सरकार वॉरंट ऑफ़ प्रेसिडेंस में उन्हें जगह देती है, जिन्हें भारत रत्न मिलता है। भारत रत्न हस्तियों को प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह मिलती है। हालांकि इस सम्मान में कोई धनराशि नहीं मिलती है।

कैसा होता है मेडल?

बात करें भारत रत्न पुरस्कार में मिलने वाले मेडल की तो यह तांबे का बना होता है। इसमें पीपल के पत्ते पर प्लैटिनम का चमकता सूर्य बना होता है। पत्ते के किनारे भी प्लैटिनम होता है। इसमें भारत रत्न लिखा हुआ दिखाई देता है, वह चांदी का होता है। रत्न के पीछे की ओर अशोक स्तंभ के नीचे हिंदी में सत्यमेव जयते लिखा होता है।

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