Nuclear Weapons: यदि परमाणु हथियारों का उपयोग हुआ तो क्या होगा
Nuclear Weapons: जुलाई 1945 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने पहला परमाणु परीक्षण किया और अगस्त में ही जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर दो परमाणु बम गिराए।
Nuclear Weapons: 15 नवंबर के दिन 1961 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने परमाणु हथियारों पर रोक लगा दी थी। वर्तमान समय में रूस ने अमेरिका और नाटो को यूक्रेन पर परमाणु हथियार से हमला करने की धमकी दी है। परमाणु हथियार देश के लिए इतने महत्वपूर्ण या विनाशकारी क्यों है।आईए समझते हैं विस्तार से ।
परमाणु हथियार अब तक के बनाए गए सबसे विनाशकारी, अमानवीय और सबसे खतरनाक हथियार है।यह जो विनाश करते हैं उसके पैमाने और उसके विशिष्ट रूप से फैलने वाले हानिकारक रेडियोधर्मी नतीजे के मामले किसी भी अन्य हथियार से अलग हैं। एक परमाणु बम से किया गया विस्फोट लाखों लोग को मार सकता है ।सैकड़ों परमाणु बमों के इस्तेमाल से वैश्विक जलवायु बदल सकती है।जिससे व्यापक रूप में अकाल पड़ सकता है।
यदि कोई परमाणु हथियार विस्फोट हो जाए तो क्या होगा?
अल्पकालिक प्रभाव
एक परमाणु हथियार एक शहर को नष्ट कर सकता है और उसके अधिकांश लोग मारे जा सकते हैं।कई परमाणु विस्फोटों से करोड़ों लोग मारे जाएंगे। परमाणु विस्फोट के अपने अधिकतम रूप तक पहुंचने में लगभग सिर्फ 10 सेकंड लगते हैं। परमाणु विस्फोट से विकिरण के रूप में भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है ।एक विशाल शॉक वेव कई सौ किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दूर-दूर तक पहुंचती है। विस्फोट से ग्राउंड जीरो के लगभग सभी लोगों की मौत हो जाती है। दूरदराज के लोगों में फेफड़ों में खराबी,कान में क्षति और आंतरिक स्राव होने लगता है। इमारत के देबने और उड़ती वस्तुओं से लोगों को चोट लगती है। यह धमाका इतना तीव्र होता है की ग्राउंड जीरो के लगभग सब वस्तुएं वाष्पीकृत हो जाती है। गर्मी इतनी अत्यधिक हो जाती है की जलन के कारण एक बड़े क्षेत्र में आग लग जाती है और एक अग्नि तूफान जैसा बन जाता है।यहां रहने वालों को ऑक्सीजन की कमी और कार्बन मोनोऑक्साइड के दूषित होने के कारण मौत का सामना करना पड़ता है।
दीर्घकालिक प्रभाव
दीर्घकालिक प्रभाव के रूप में सबसे ज्यादा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है ।पर्यावरण को दूषित होने के साथ-साथ यह लोगों में कैंसर और आनुवंशिक क्षति करता है। यहां तक की वायुमंडलीय प्रशिक्षण में परमाणु हथियारों का व्यापक उपयोग ने दीर्घकालिक कार्यक्रम में गंभीर परिणाम उत्पन्न किए हैं। तमाम देश परमाणु हथियारों के परीक्षण में जुटे हुए थे।भारत,अमेरिका,रूस,चीन ,फ्रांस इन सभी देशों के पास आज परमाणु हथियार मौजूद है। साल 1945 से 1980 के बीच हुए इन्हीं परमाणु हथियारों के परीक्षण से दुनिया के लगभग 2.4 मिलियन लोग कैंसर से मारे जा चुके हैं।
दुनिया में जितने भी परमाणु हथियार मौजूद है।उनमें से लगभग एक प्रतिशत से भी कम इस्तेमाल किए जाने पर पूरे विश्व की जलवायु में बड़ा परिवर्तन हो सकता है और लंबे समय में यह परमाणु काल का कारण बन सकता है, जो अंततः भुखमरी का खतरा पैदा करेगा। जो हमारे नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट करेगा।
यह विनाश इतना बड़ा होगा कि इसे बचाने के लिए आगे आने वाले चिकित्सक और प्सुरक्षाकर्मी भी इन क्षेत्रों में काम नहीं कर पाएंगे और मौजूदा आपदा राहत संसाधनों तक को भी विस्फोट की जगह तक लाया नहीं जा सकेगा। यह किसी भी राहत प्रणाली को नष्ट कर देगा, जिससे शरणार्थी संकट पैदा हो जाएगा जो हमारे अभी तक की अनुभव किए हुए किसी भी संकट से अधिक बड़ा होगा।
सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव
परमाणु हथियारों का उपयोग पर्यावरण पर गहरा असर डालता है। परमाणु युद्ध का होना मतलब विनाशकारी परिणाम के साथ जलवायु में भी परिवर्तन होना । जिसके चलते वैश्विक अकाल और ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभावों का सामना हमें करना पड़ेगा।इसका प्रभाव विकासशील देशों पर सबसे ज्यादा पड़ेगा । वहां के लोग सबसे ज्यादा पीड़ित होंगे। क्योंकि इसके रखरखाव के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता होगी । जबकि इसी वित्तीय सहायता से विकासशील देश अपनी प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा भी कर सकते हैं।
परमाणु हथियार सबसे खतरनाक क्यों है?
1. यह सबसे ज्यादा विनाश और मौत का कारण बनते हैं। एक परमाणु हथियार पूरे शहर को तबाह कर सकता है। हिरोशिमा और नागासाकी में हुआ परमाणु हथियार से हमला सबसे बड़ा उदाहरण है।
2 सबसे बड़ी कीमत चुकाते हैं स्थानीय नागरिक।परमाणु हथियारों से होने वाला विनाश सिर्फ सैनिक ठिकाना या लड़ाकू तक सीमित नहीं होता है। इसमें सबसे ज्यादा लोग प्रभावित होते हैं। जो दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनते हैं। जिससे कोई भी व्यक्ति कभी भी उबर नहीं पाता है। परमाणु हथियार नागरिकों और आतंकवादियों के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं, जिसकी कमी के कारण यह एक अमानवीय हथियार कहलाते हैं और इन्हें गैर कानूनी घोषित करना आवश्यक है।
3. परमाणु हथियार आयनकारी विकरण उत्पन्न करते हैं, जिसके संपर्क में आने वाले सभी लोग मर जाते हैं या बीमार हो जाते हैं ।साथ ही यह पर्यावरण को भी दूषित करते है और जिससे कैंसर या अनुवांशिक क्षति लंबे समय के लिए स्थिर हो जाती है। परमाणु हथियारों के उत्पादन में पर्यावरण पर गहरा असर होता है । इसके उत्पादन में लंबे समय तक प्रभाकारी रेडियोधर्मी पदार्थ निकलते हैं जो प्रदूषण का कारण बनते हैं।
4. परमाणु हथियार का इस्तेमाल वैश्विक स्तर पर होता है जिससे भुखमरी और आकाल जैसी आपदा का जन्म होता है।
5. परमाणु हथियार विस्फोट इतना भयानक होगा कि कोई भी चिकित्सक , सहायता कर्ता दूषित क्षेत्र तक काम करने में असमर्थ होगा। यहां तक की किसी भी आपदा राहत संसाधनों को मौजूदा दूषित जगह पर लाया भी नहीं जा सकेगा ।जिससे की पूरी की पूरी राहत प्रणाली पर असर होगा ।विस्फोट खत्म होने के बाद एक शरणार्थी संकट पैदा होगा जो किसी भी दूसरे संकट की तुलना में अधिक बड़ा होगा।यह वैश्विक स्तर पर राजनीति को भी प्रभावित करेगा।
6. देश की अर्थव्यवस्था के लिए न्यूक्लियर परमाणु हथियारों का होना सिर्फ एक बोझ का काम करता है क्योंकि इसके रखरखाव में वित्तीय सहायता लगती है जो कि किसी भी देश के लिए सिर्फ एक बोझ बनकर रह जाती है।साथ ही साथ यह पर्यावरण और स्वास्थ्य पर भी असर डालता है क्योंकि इसे कंट्रोल नहीं किया जा सकता इसलिए यह एक बोझ है। एक अनुमान के अनुसार जिस भी देश के पास परमाणु हथियार होते हैं वह उसे हर साल रखरखाव में 225 मिलियन डॉलर खर्च करता है।
परमाणु युग की शुरुआत कैसे हुई
संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोचा कि परमाणु हथियार बनाने की इस तकनीक पर उसका एकाधिकार होगा । पर जल्द ही यह तकनीक फैल गई। जुलाई 1945 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने पहला परमाणु परीक्षण किया और अगस्त में ही जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर दो परमाणु बम गिराए। इसके ठीक 4 साल बाद यानी की 1949 में सोवियत संघ ने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया। इसके बाद यूनाइटेड किंगडम ने 1952 में ,फ्रांस ने 1960 में और चीन ने 1964 में अपना परीक्षण किया।
भारत-पाकिस्तान और इजराइल कभी भी एनपीटी में शामिल नहीं हुए ।भारत ने पहली बार 1974 में परमाणु विस्फोटक उपकरण का परीक्षण किया।उसके बाद पाकिस्तान ने भी अपने इस कार्यक्रम पर तेजी बढ़ा दी।साल 1998 में दोनों ने सार्वजनिक रूप से अपनी -अपनी परमाणु हथियार क्षमताओं का प्रदर्शन किया।इजराइल ने अब तक सार्वजनिक परमाणु परीक्षण नहीं किया है लेकिन यह माना जाता है कि उसके पास परमाणु हथियार है।
परमाणु हथियार कैसे बनता है
परमाणु हथियार रासायनिक अभिक्रिया है जो आयनों के विखंडन क्रिया से बनते हैं। इस हथियार को बनाने के लिए अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम और प्लूटोनियम की आवश्यकता होती है।ऐसा अनुमान है कि भारत के पास 172 परमाणु हथियार है जबकि पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु हथियार है। इजराइल के बारे में कहा जाता है कि इसके पास 90 परमाणु हथियार हैं तथा 200 हथियारों के लिए विखंडन सामग्री का भंडार रखा हुआ है। इजराइल ना तो परमाणु हथियार होने के बात स्वीकार करता है ना ही इससे इनकार करता है।
अमेरिका के पास 5044 परमाणु हथियार हैं, जो अमेरिका और पांच अन्य देश तुर्की, इटली,बेल्जियम, जर्मनी और नीदरलैंड में है। इन देशों के पास मौजूद कुल परमाणु हथियार दुनिया के परमाणु हथियारों का लगभग 90 फ़ीसदी है ।उत्तर कोरिया और इजरायल के पास मौजूद हथियारों की संख्या की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।