Rashid Engineer: कौन हैं राशिद इंजीनियर? जिनको आज मिली बेल तो बदल जाएगा कश्मीर में चुनाव का पूरा खेल
Jammu and Kashmir assembly elections: राशिद इंजीनियर एनआईए द्वारा कथित आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम), 1967 अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए जाने के बाद से 2019 से जेल में बंद है।
Jammu and Kashmir Assembly Elections: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने दांव-पेंच लगाने में जुट गए हैं तो वहीं इस बीच एक नाम की जोरों पर चर्चा चल रही है कि अगर वह चुनाव मैदान में मजबूती से उतरा तो जम्मू-कश्मीर का पूरा चुनावी खेल बदल जाएगा।
वह नाम है राशिद इंजीनियर। राशिद इस समय जेल में हैं। दिल्ली की एक अदालत में आज यानी बुधवार को कश्मीर के बारामूला से लोकसभा सांसद राशिद इंजीनियर की जमानत पर सुनवाई हो सकती है। राशिद ने साल 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में नियमित जमानत की मांग की है। राशिद इंजीनियर को अगर आज जमानत मिल जाती है तो कश्मीर में चुनाव का पूरा खेल बदल जाएगा।
सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान
दरअसल जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव में राशिद इंजीनियर की अगुवाई वाली आवामी इत्तेदाह पार्टी ने उतरने का ऐलान कर दिया है। राशिद के इस ऐलान के बाद से राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राशिद इंजीनियर की पार्टी ने जम्मू-कश्मीर की सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है। राशिद की पार्टी के महासचिव प्रिंस परवेज का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के पास एआईपी के अलावा कोई अन्य विकल्प है ही नहीं।
अब बात कौन हैं राशिद इंजीनियर
-राशिद इंजीनियर साल 2019 से जेल में बंद हैं।
-राशिद इंजीनियर का असली नाम शेख रशीद है।
-राशिद इंजीनियर 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला से निर्दलीय सांसद चुने गए हैं।
-उन्होंने लोकसभा चुनाव में पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला को करारी शिकस्त दी थी।
-उत्तर कश्मीर की राजनीति में राशिद इंजीनियर बड़ा जाना-माना नाम हैं।
-वह केंद्र शासित प्रदेश के पूर्व विधायक भी रहे हैं।
-पिछले 5 सालों से वह यूएपीए के तहत दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।
-राशिद अपनी आवामी इत्तेदाह नाम की पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं।
-2024 के लोकसभा चुनाव में वह बारामूला से निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते।
-2019 के लोकसभा चुनाव में भी वह निर्दलीय दावेदार थे।
-2019 में एनआईए ने राशिद इंजीनियर को टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया था।
एक नजर इंजीनियर राशिद के बारे में
राशिद इंजीनियर का जन्म हंदवाड़ा के लाछ मावर में हुआ था। उन्होंने श्री नगर से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उन्होंने करीब 25 साल तक सरकारी विभाग में इंजीनियर के पद पर काम किया. साल 2003 के करीब राशिद ने उर्दू वीकली न्यूजपेपर चट्टान में राजनीतिक मुद्दों पर लिखना शुरू किया. वहीं से वह फेमस होते चले गए. राशिद अपने परिवार से राजनीति में दाखिल होने वाले पहले शख्स हैं. वह हमेशा ही शांतिपूर्ण तरीके से जम्मू-कश्मीर समस्या का हल निकालने की वकालत करते रहे हैं.
राशिद और राजनीति
-जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ थे राशिद, उन्होंने इसे लेकर कई विरोध प्रदर्शन किए और धरना भी दिया।
-साल 2008 में उन्होंने कुपवाड़ा के लंगेट से निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत कर विधानसभा पहुंचे।
-साल 2013 में राशिद इंजीनियर ने आवामी इत्तेदाह पार्टी बनाई।
-2014 विधानसभा चुनाव में वह दोबारा विधायक चुने गए।
-2014 लोकसभा चुनाव में राशिद को हार का मुंह देखना पड़ा।
-2015 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उनके साथ धक्का-मुक्की हुई।
-2015 में दिल्ली प्रेस क्लब में उन पर स्याही फेंकी गई।
-विधायक बनने के बाद भी राशिद इंजीनियर बिना सुरक्षा अपनी छोटी सी कार से आते-जाते थे।
टेटर फंडिंग मामले में 5 साल से जेल में बंद हैं राशिद
एनआईए द्वारा कथित आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम), 1967 अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए जाने के बाद से राशिद इंजीनियर 2019 से जेल में बंद है। राशिद फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। उनका नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वताली की जांच के दौरान सामने आया था, जिसे एनआईए ने घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित रूप से वित्त पोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। अब राशिद इंजीनियर जेल से बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं।
अगर राशिद को आज जमानत मिल जाती है तो जम्मू-कश्मीर के चुनाव में नया मोड़ आ जाएगा। राशिद की पार्टी चुनाव में बड़ा उलटफेर कर सकती है।