आखिर चीन भारत के साथ सीमा विवाद का मुद्दा क्यों गरमाए रखना चाहता है, यहां जानें
भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बढ़ता ही जा रहा है। भारतीय सेना ने जब से काला टॉप, हेल्मेट टॉप और पैंगोंग 4 इलाके के कुछ हिस्से पर अपना कब्जा किया है तभी से ही चीन और भी ज्यादा बौखलाया हुआ है।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बढ़ता ही जा रहा है। भारतीय सेना ने जब से काला टॉप, हेल्मेट टॉप और पैंगोंग 4 इलाके के कुछ हिस्से पर अपना कब्जा किया है तभी से ही चीन और भी ज्यादा बौखलाया हुआ है।
क्योंकि ये इलाके युद्ध या रणनीतिक तौर पर बेहद ही महत्वपूर्ण मानें जाते हैं, ऐसे में चीन की कोशिश है कि इन्हें तुरंत वापस लिया जाए। इसलिए वे सीमा पर लगातार फायरिंग कर रहा है। लेकिन उसे उसके मंसूबों में कामयाबी नहीं मिल रही है।
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इसे लेकर लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। सोमवार की घटना के बाद एक बार फिर भारत और चीन की सेना के सैनिक आमने-सामने आ खड़ी हुई हैं। पैंगोंग के पास रेजांग ला में करीब 40-50 सैनिकों के बीच एक बा फिर से टकराव हुआ है। ये इलाका भारतीय सेना के कब्जे में हैं।
चीन की ओर से कोशिश की गई है कि भारतीय जवानों को हटाया जाए और उस रेजांग ला की ऊंचाई पर कब्जा कर लिया जाए। हालांकि, चीनी सेना इसमें सफल नहीं हो पाई है।
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सीमा पर अलर्ट
मीडिया रिपोर्ट में भारतीय सेना के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि “वार्निंग शॉट्स” फायर किए गए थे। सीमा पर तैनात सैनिक उस समय से हाई अलर्ट पर हैं, जब से उन्होंने काला टॉप और हेल्मेट टॉप को अपने नियंत्रण में लिया है। चीनी सैनिक इन दोनों चोटियों पर नियंत्रण करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
उधर पीएलए वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता कर्नल झांग शुइली ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान, भारतीय सेना ने चीनी बॉर्डर गार्ड्स के पेट्रोलिंग कर्मियों को फायर की धमकी दी, जिसके कारण चीनी बॉर्डर गार्ड्स को स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
झांग शुइली का कहना है कि यह एक गंभीर सैन्य उकसाने वाला मामला है और बहुत बुरा स्वभाव है। हमारा भारतीय पक्ष से अनुरोध हैं कि वे खतरनाक कार्रवाईयों पर तुरंत रोक लगाएं, क्रॉस-लाइन कर्मियों को तुरंत वापस बुलाएं, फ्रंट-लाइन सैनिकों को सख्ती से रोका जाए, और उनकी सख्ती से जांच हो और दंडित किया जाए जिन्होंने फायरिंग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं फिर से न हो।
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