Women Reservation Bill: नड्डा ने राहुल समेत विपक्षी नेताओं को दिया तीखा जवाब, कहा-BJP ने दिया देश को पहला OBC PM
Women Reservation Bill: जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि ओबीसी को लेकर सवाल उठाने वालों को यह तथ्य जानना चाहिए कि देश को पहला ओबीसी प्रधानमंत्री बीजेपी ने ही दिया।
Women Reservation Bill: लोकसभा में पारित होने के बाद राज्यसभा में आज महिला आरक्षण बिल पेश किया गया। भाजपा की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने मोर्चा संभाला और कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के अन्य सांसदों की ओर से उठाए गए सवालों का चुन-चुन कर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ओबीसी सेक्रेटरी को लेकर सवाल उठाने वालों को जवाब देना चाहिए कि 2004 से 2014 तक कितने ओबीसी सेक्रेटरी थे।
भाजपा नेता ने कहा कि ओबीसी को लेकर सवाल उठाने वालों को यह तथ्य जानना चाहिए कि देश को पहला ओबीसी प्रधानमंत्री बीजेपी ने ही दिया। राहुल गांधी पर तंज कसते हुए नड्डा ने कहा कि लीडर को लीडर बनना पड़ेगा। ट्यूटर बनने से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि यह बिल महिलाओं पर एहसान नहीं है बल्कि उनका वंदन और अभिनंदन है। यदि यह बिल आज पास होता है तो 2019 तक 33 फ़ीसदी महिलाएं सांसद बनकर सदन में आ जाएंगी।
बिल तत्काल क्यों नहीं लागू हो सकता
नड्डा ने कहा कि विपक्ष के लोग मांग कर रहे हैं कि इस बिल को अभी से लागू कर दिया जाए। मैं इस बाबत स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कुछ संवैधानिक व्यवस्थाएं होती हैं, कुछ संवैधानिक कार्य करने का तरीका होता है। हमें महिलाओं को आरक्षण देना है,लेकिन किस सीट पर आरक्षण दिया जाए, किस सीट पर न दिया जाए, इसका फैसला सरकार नहीं कर सकती है। इसका फैसला अर्ध न्यायिक निकाय करती है। इसके लिए दो चीजें महत्वपूर्ण है-जनगणना और परिसीमन। इसके बाद सार्वजनिक सुनवाई हो। फिर सीट और नंबर निकाला जाए और फिर फैसला किया जाए। अगर आप आज ये बिल पास करते हैं तो 2029 में 33 फीसदी महिलाएं सांसद बनकर आ जाएंगी।
नड्डा ने कहा कि महिलाओं को किस सीट पर आरक्षण मिले, किस सीट पर न मिले, इसका फैसला कौन करेगा। इसका फैसला सरकार नहीं करती। इसका फैसला जुडिशियल बॉडी करती है, उसे नॉमिनेट करना पड़ता है। मैं अगर सरकार में हूं और वायनाड को रिजर्व कर दूं तो, मैं रायबरेली और कलबुर्गी को कर दूं तो फिर क्या होगा।
भाजपा ने दिया पहला ओबीसी पीएम
नड्डा ने कहा कि ओबीसी की बात करने वालों को यह तथ्य जानना चाहिए कि देश को पहला ओबीसी प्रधानमंत्री बीजेपी ने ही दिया है। आज सरकार में 27 मंत्री ओबीसी से जुड़े हुए हैं। भाजपा के 303 सांसदों में से 29 फीसदी ओबीसी हैं। कांग्रेस के जितने सांसद हैं,उससे ज्यादा हमारे ओबीसी सांसद हैं। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा तो सिर्फ लोकसभा का है। आपने तो ओबीसी का सम्मान कभी नहीं किया। आप तो ओबीसी को गाली देते हैं और माफी भी नहीं मांगते हैं।
नड्डा ने जीजाबाई से लेकर रानी लक्ष्मींबाई तक का जिक्र किया। महिलाओं के भारत की विकास यात्रा में योगदान को रेखांकित करते हुए नड्डा ने कहा कि 21वीं सदी महिलाओं की सदी है।
2004 से 2014 तक कितने ओबीसी सेक्रेटरी थे
भाजपा नेता ने कहा कि नेहरू के कार्यकाल के दौरान ओबीसी को लेकर काका कालेलकर कमेटी की रिपोर्ट आई थी। उसके बाद इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय में मंडल कमीशन की रिपोर्ट आई मगर इस संबंध में कोई फैसला नहीं किया गया। इसके बाद 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने सेवाओं में ओबीसी को आरक्षण देने की बात कही। इसके बाद 1995 96 में अखिल भारतीय सेवाओं में ओबीसी रिजर्वेशन शुरू हुआ।
भाजपा सांसद ने कहा कि अभी जो भी कैबिनेट सेक्रेटरी हैं,वह 1992 से पहले के लोग हैं। कांग्रेस नेता ने राहुल गांधी से सवाल किया कि 2004 से 2014 तक कितने ओबीसी सेक्रेटरी थे। राहुल गांधी को ही संबंध में हमारा ज्ञानवर्धन करना चाहिए।
दरअसल राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में कहा था कि केंद्र में तैनात 90 में से सिर्फ तीन ओबीसी सेक्रेटरी हैं। इसके साथ ही उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू करने की भी मांग की थी। नड्डा ने आज अपने संबोधन के दौरान राहुल गांधी की ओर से कही गई बातों का तीखा जवाब दिया।