Year Ender 2024: संसद द्वारा लिए गए निर्णय और उनके प्रभाव
Sansad Ke Pramukh Nirnay 2024: 2024 में संसद ने कई आर्थिक विधेयक पारित किए, जिनका उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना था। हालांकि, कुछ निर्णयों ने सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा...
Parliament Important Decision 2024: भारत में संसद देश के सबसे बड़े निर्णयकारी निकाय के रूप में कार्य करती है। 2024 में संसद में लिए गए कई निर्णय ऐसे थे, जिन्होंने सरकार और जनता दोनों पर व्यापक प्रभाव डाला। ये निर्णय सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में थे। इस लेख में, हम उन प्रमुख निर्णयों का विश्लेषण करेंगे, जिन्होंने सरकार को भारी चुनौतियों का सामना करने पर मजबूर किया।
1 - महंगाई और आर्थिक नीतियाँ
- 2024 में संसद ने कई आर्थिक विधेयक पारित किए, जिनका उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना था। हालांकि, कुछ निर्णयों ने सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा:
- संसद ने कई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दरें बढ़ा दीं। इसने महंगाई को बढ़ावा दिया और जनता में असंतोष पैदा किया।छोटे व्यापारियों और मध्यम वर्ग पर इसका विशेष प्रभाव पड़ा, जिससे सरकार को विरोध प्रदर्शन झेलने पड़े।
- कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बावजूद, संसद ने सब्सिडी को घटाने का निर्णय लिया। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ गईं।परिवहन और आवश्यक वस्तुओं की लागत में वृद्धि हुई, जिससे आम जनता पर भार बढ़ा।
2 - कृषि और ग्रामीण नीतियाँ
- संसद ने किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया। हालांकि, यह वृद्धि अपेक्षा से कम थी, जिससे किसानों में असंतोष बढ़ा।सरकार को कई राज्यों में किसानों के आंदोलन का सामना करना पड़ा।
- संसद ने कृषि सुधारों को लेकर नए कानून बनाए, जिनका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देना था। लेकिन इन कानूनों को किसानों ने अपने हितों के खिलाफ बताया।
3 - संवैधानिक और सामाजिक निर्णय
- संसद ने महिला आरक्षण विधेयक पारित किया, जिसके तहत लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया गया।यह निर्णय ऐतिहासिक था।लेकिन इसे लागू करने में कई चुनौतियाँ सामने आईं।
- संसद में समान नागरिक संहिता को लागू करने का प्रस्ताव रखा गया। हालांकि, यह निर्णय कई धार्मिक और सामाजिक समूहों के बीच विवाद का कारण बना।सरकार को विपक्ष और विभिन्न समुदायों के विरोध का सामना करना पड़ा।
- संसद ने "डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2024" पारित किया, जो नागरिकों की डिजिटल गोपनीयता की रक्षा करता है।यह अधिनियम कंपनियों और सरकारी संगठनों पर डेटा संग्रह और उपयोग के संबंध में सख्त नियम लागू करता है।
4 - विदेश नीति और सुरक्षा संबंधी निर्णय
संसद में भारत-चीन और भारत-पाकिस्तान संबंधों पर गहन चर्चा हुई। सीमा विवाद को लेकर सरकार ने सख्त रुख अपनाया। लेकिन यह निर्णय कुछ कूटनीतिक असफलताओं के रूप में देखा गया।
2024 के बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाया गया। हालांकि, विपक्ष ने इसे अन्य क्षेत्रों, जैसे स्वास्थ्य और शिक्षा में कम निवेश के लिए जिम्मेदार ठहराया।
5 - बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024:
यह विधेयक 3 दिसंबर, 2024 को लोकसभा में पारित हुआ।
इसमें खाताधारकों को अपने बैंक खातों में अधिकतम चार नामांकित व्यक्ति (नॉमिनी) जोड़ने की अनुमति दी गई है, जिससे परिवारों के लिए धन वितरण सरल होगा और प्रक्रियात्मक देरी कम होगी।
6 - संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024:
यह विधेयक 17 दिसंबर 2024 को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया, जिसका उद्देश्य 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की अवधारणा के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना है।
इसे 20 दिसंबर, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया।
7 - (सं.3) विधेयक, 2024:
यह विधेयक 17 दिसंबर , 2024 को लोकसभा में पारित हुआ, जिसका उद्देश्य 2024-25 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों को पूरा करना है।
8 - केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024:
यह विधेयक भी 17 दिसंबर, 2024 को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया और 20 दिसंबर, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया। इसका उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेशों में कानूनों में आवश्यक संशोधन करना है।
9 - तटीय नौवहन विधेयक, 2024:
यह विधेयक 2 दिसंबर, 2024 को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया, जिसका उद्देश्य तटीय नौवहन से संबंधित नियमों का सरलीकरण और आधुनिकीकरण करना है।
10 - मर्चेंट शिपिंग विधेयक, 2024:
यह विधेयक 10 दिसंबर, 2024 को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक नौवहन से संबंधित कानूनों में सुधार करना है।
11 - पर्यावरण और ऊर्जा क्षेत्र के निर्णय
संसद ने 2030 तक 50 फीसदी ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करने का लक्ष्य तय किया।कोयला आधारित बिजली परियोजनाओं को सीमित करने का निर्णय लिया गया, जिससे कुछ राज्यों में बिजली संकट पैदा हुआ।पर्यावरणीय नियमों को सख्त किया गया, जिससे औद्योगिक क्षेत्रों में परियोजनाओं की लागत बढ़ गई।उद्योग जगत ने इसे विकास की गति को धीमा करने वाला बताया।
12 - शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी निर्णय
संसद ने नई शिक्षा नीति के तहत कई सुधारों को मंजूरी दी।हालांकि, सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी ने इस नीति की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े किए।संसद द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में अपेक्षित बजट वृद्धि नहीं की गई, जिससे महामारी के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार धीमा रहा।"राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा अधिनियम, 2024" पारित किया गया, जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों को न्यूनतम स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना है।लेकिन इस अधिनियम के तहत राज्यों को अधिक बजट देने में कठिनाइयाँ हुईं।
13 - विपक्ष और जन आंदोलनों का प्रभाव
संसद में लिए गए कई निर्णयों के खिलाफ विपक्ष ने जोरदार विरोध किया। कई मुद्दे, जैसे महंगाई, बेरोजगारी, और किसानों की समस्याएँ, जन आंदोलनों का कारण बने।
2024 में संसद द्वारा लिए गए निर्णयों ने भारत के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक ढांचे पर गहरा प्रभाव डाला। जबकि कुछ निर्णयों ने विकास की दिशा में प्रगति की, अन्य ने सरकार को भारी चुनौतियों का सामना करने पर मजबूर किया। ये निर्णय आने वाले वर्षों में देश की दिशा और दशा को प्रभावित करेंगे।
14 - गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) - संशोधन विधेयक, 2024
इस विधेयक के तहत सरकार को अधिकार मिलता है कि वह किसी व्यक्ति या संगठन को आतंकवादी घोषित कर सके, यदि उसकी गतिविधियां आतंकवाद से संबंधित पाई जाती हैं। विपक्ष ने इसे एकदम सख्त और असंवैधानिक बताते हुए विरोध किया, क्योंकि इससे किसी भी व्यक्ति को बिना उचित सबूत के आतंकवादी घोषित किया जा सकता है।
15 - राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) संशोधन विधेयक, 2024
इस विधेयक के तहत NIA को आतंकवाद और देश की सुरक्षा से संबंधित मामलों की जांच के लिए और अधिक अधिकार दिए गए।इसमें विशेष रूप से आतंकवादी हमलों और संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कदम उठाए गए।विपक्ष ने इसका भी विरोध किया । क्योंकि उनका मानना था कि इससे जांच एजेंसियों के अधिकार अत्यधिक बढ़ जाएंगे और नागरिक स्वतंत्रताओं का उल्लंघन हो सकता है।