मोदी को पैर धोने से बेहतर अपने अंदर के मैल को धोने की आवश्यकता है- योगेन्द्र यादव

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रयागराज में कुंभ स्नान के दौरान सफाई कर्मियों के पैर धोने के बजाय अपने रोडियो कार्यक्रम में सफाई कर्मियों की बात कर लेते तो उससे कहीं ज्यादा अच्छा काम होता। मोदी को लोगों के पैर धोने से बेहतर अपने अंदर के मैल को धोने की आवश्यकता है।

Update: 2019-02-25 15:57 GMT

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रयागराज में कुंभ स्नान के दौरान सफाई कर्मियों के पैर धोने के बजाय अपने रोडियो कार्यक्रम में सफाई कर्मियों की बात कर लेते तो उससे कहीं ज्यादा अच्छा काम होता। मोदी को लोगों के पैर धोने से बेहतर अपने अंदर के मैल को धोने की आवश्यकता है। उक्त बातें स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेन्द्र ने आदि धर्म समाज(आधस) के बैनर तले सफाई कर्माचारियों द्वारा जंतर-मंतर पर दिए जा रहे धरना-प्रदर्शन के दौरान कही।

यह भी पढ़ें.....टीईटी की अनिवार्यता कानून बनने से पहले नियुक्त अध्यापकों पर लागू नहींः हाईकोर्ट

सफाई कर्मियों द्वारा सोमवार को किया गया यह धरना प्रदर्शन उनकी दयनीय स्थिति और समस्याओं को लेकर किया गया, जिसका नेतृत्व आधस प्रमुख दर्शन 'रत्न' प्रधानमंत्री के प्रयागराज के कार्यक्रम को राजनीति करार देते हुए यादव ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी कानून को लागू नहीं कर रही है। वह कुंभ में सफाई कर्मियों के पैर धोकर दिखावा तो कर सकते हैं लेकिन लोगों की समस्याओं पर उनका कोई ध्यान नहीं है।

यह भी पढ़ें......लखनऊ : शिवसेना सांसद संजय राउत को गवाही के लिए समन जारी

सीवर की सफाई में एक ही जाति से लोग क्यों

राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि सफाई कर्मी की मौत हमारे समाज के मुंह में एक तमाचा है। सफाई कर्मियों की सुरक्षा के लिए सरकार को तुरंत कोई बड़ा कदम उठाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि आखिर सीवर की सफाई में एक ही जाति से लोग क्यों आते हैं। इस मौके पर आधस के प्रमुख दर्शन 'रत्न' रावण ने सरकार से मांग की है कि अनुसूचित जाति(एससी) के आरक्षण में सफाई कामगार जातियों(वाल्मीकि) का आरक्षण अलग से दिया जाए।

[playlist data-type="video" ids="322262"]

यह भी पढ़ें.....नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुबारा बनायेंगे सरकार : राजनाथ सिंह

आरक्षण की पहली सीट महादलित जातियों को दी जाए

आरक्षण की पहली सीट महादलित जातियों को दी जाए। देश के सभी सैनिक स्कूलों में सीवरमैन/सफाई कर्मचारी के बच्चों को सैनिक के बच्चों के बाद प्राथमिकता के आधार पर दाखिल किया जाए। सफाई कामगार समाज (वाल्मीकि) के प्लस-टू पास बच्चों की शिक्षा (सरकारी व गैर-सरकारी संस्थानों) का सारा खर्च (कॉलेज फीस, सभी तरह के फंड, किताबें, हॉस्टल व मेस) सरकारों द्वारा वहन किया जाए

Tags:    

Similar News