Yogi-Amit Shah Meeting: योगी-अमित शाह की बैठक: राजभर का मंत्री बनना तय, दारा सिंह पर नहीं हो सका फैसला, दिवाली से पहले होगा मंत्रिमंडल विस्तार

Yogi-Amit Shah Meeting: योगी-अमित शाह की बैठक में ओमप्रकाश राजभर का मंत्री बनना तय, दारा सिंह पर नहीं हो सका फैसला, दिवाली से पहले होगा मंत्रिमंडल विस्तार

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-11-02 09:00 IST

Yogi-Amit Shah Meeting: उत्तर प्रदेश में लंबे समय से लटके योगी मंत्रिमंडल के विस्तार को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने हरी झंडी दिखा दी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के साथ बैठक की। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक के दौरान सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर के नाम पर मुहर लग गई है जबकि घोसी विधानसभा सीट से चुनाव हारने वाले दारा सिंह चौहान के नाम पर कोई फैसला नहीं हो सका।

जानकार सूत्रों का कहना है कि जिन लोगों को मंत्री बनाने का फैसला किया गया है,उनमें दारा सिंह चौहान का नाम शामिल नहीं है। राजभर के अलावा दो-तीन अन्य लोगों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। हालांकि अभी इन नेताओं के नाम का खुलासा नहीं हो सका है। इस बैठक के दौरान लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा हुई है।

ओपी राजभर के नाम पर लगी मुहर

उत्तर प्रदेश में योगी मंत्रिमंडल के विस्तार के सुगबुगाहट काफी दिनों से सुनी जा रही है मगर विभिन्न कारणों की वजह से समय-समय पर विस्तार का कार्यक्रम टलता रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आज गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के साथ बैठक पहले से ही तय थी। बैठक के सिलसिले में दिल्ली पहुंचे योगी ने आज भाजपा कार्यालय में शाह और नड्डा के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक के दौरान मंत्रिमंडल विस्तार और लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की गई।

ये भी पढ़ें: Yogi in Rajasthan: राजस्थान में गरजे योगी, बोले-'कन्हैया लाल की हत्या यूपी में हुई होती तो क्या होता, आपको पता है...'

सूत्रों का कहना है कि बैठक के दौरान मंत्री बनने वाले चार-पांच नामों पर चर्चा की गई। सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर को मंत्री बनने के प्रस्ताव पर केंद्रीय नेतृत्व ने मुहर लगा दी है। राजभर के साथ ही कुछ अन्य चेहरों को भी योगी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। भाजपा नेतृत्व या योगी की ओर से इन नामों का अभी तक खुलासा नहीं किया गया है।

दारा सिंह चौहान: Photo- Social Media

दारा सिंह चौहान के नाम पर चर्चा नहीं

घोसी में हुए विधानसभा उपचुनाव के दौरान हारने वाले दारा सिंह चौहान के नाम पर फिलहाल कोई चर्चा नहीं हुई है। ऐसे में उनके मंत्री बनने का मामला फिर लटक गया है। वैसे उनके चुनाव हारने के बाद से ही उनके मंत्री बनने की संभावनाओं पर ग्रहण लग गया था। दारा सिंह चौहान योगी की पिछली सरकार में मंत्री थे मगर 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने पाला बदलते हुए सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। सपा के टिकट पर उन्होंने घोसी विधानसभा सीट से जीत भी हासिल की थी।

कुछ समय पहले वे सपा और विधायकी से इस्तीफा देते हुए एक बार फिर भाजपा में लौट आए। उनकी खाली हुई सीट पर उपचुनाव कराया गया जिसमें सपा के हाथों दारा सिंह चौहान को भारी मतों से हार का सामना करना पड़ा। उनकी हार के बाद से ही यह माना जाने लगा था कि फिलहाल उन्हें मंत्री नहीं बनाया जाएगा। शाह और नड्डा के साथ योगी की बैठक के बाद दिवाली के पहले मंत्रिमंडल विस्तार की बात कही जा रही है।

ओमप्रकाश राजभर: Photo- Social Media

सही निकला राजभर का दावा

सुभासपा नेता ओपी राजभर काफी दिनों से खुद के मंत्री बनाए जाने का दावा करते रहे हैं। एक दिन पहले ही उन्होंने बड़ा बयान देते हुए खुद के जल्द मंत्री बनने की बात कही थी। उनका यह भी कहना था कि 7 नवंबर से पहले ही मंत्रिमंडल विस्तार के तारीख का ऐलान हो जाएगा। अब दिल्ली में योगी और शाह की महत्वपूर्ण बैठक के बाद ओपी राजभर की ओर से किया गया दावा सही साबित हो रहा है।

राजभर ने 2022 का विधानसभा चुनाव सपा से गठबंधन करके लड़ा था मगर जल्द ही उनका सपा से मोहभंग हो गया। विधानसभा चुनाव के बाद ही उनका सपा मुखिया अखिलेश यादव से मतभेद हो गया था और उन्होंने कई मौकों पर अखिलेश यादव पर हमला करने के बाद भाजपा से हाथ मिला लिया था। 2017 में योगी की सरकार बनने पर ओपी राजभर को मंत्री बनाया गया था मगर बाद में योगी से तकरार के बाद उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था।

ये भी पढ़ें: Mahua Moitra Case: 47-बार दुबई से लॉग-इन हुआ महुआ का संसदीय खाता! समिति के सामने कल पेश होंगी टीएमसी सांसद

यूपी के प्रभारी की जल्द होगी घोषणा

सीएम योगी की अमित शाह और नड्डा के साथ हुई इस बैठक के दौरान लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा की गई। भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश का लोकसभा चुनाव सियासी नजरिया से काफी अहम है क्योंकि यहां लोकसभा की 80 सीटें हैं। सियासी गलियारों में हमेशा यह कहा जाता रहा है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है। यही कारण है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उत्तर प्रदेश को काफी अहमियत दे रहा है।

आज की बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश के प्रभारी को लेकर भी चर्चा हुई है। जानकार सूत्रों का कहना है कि नवंबर के आखिर तक भाजपा नेतृत्व की ओर से उत्तर प्रदेश के प्रभारी का नाम घोषित किया जा सकता है। प्रभारी के साथ ही चार-पांच सह प्रभारी बनाए जाने की भी तैयारी है। प्रभारी के साथ ही सह प्रभारी के नाम भी घोषित किए जाने की संभावना है।

Tags:    

Similar News