Global Student Prize 2021: रांची की सीमा टॉप 10 फाइनलिस्ट में, जीतने पर मिलेगी 7.5 करोड़ रुपए की राशि

Global Student Prize 2021: रांची की सीमा कुमारी (Seema Kumari ranchi) को दुनियाभर के 94 देशों के 3,500 से अधिक नामांकन और आवेदनों में से शीर्ष 10 में चुना गया है।

Written By :  aman
Published By :  Shweta
Update: 2021-10-15 09:40 GMT

कॉन्सेप्ट फोटो (फोटोः सोशल मीडिया)

Global Student Prize 2021:  भारत के झारखंड राज्य की राजधानी से एक प्रतिभाशाली लड़की को 'Chegg.org (चेग) ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज 2021' (Global Student Prize 2021) के लिए टॉप 10 फाइनलिस्ट में शामिल किया गया है। बता दें कि यह पुरस्कार एक असाधारण छात्र को दिया जाता है। पुरस्कार की राशि 100,000 डॉलर यानी करीब साढ़े (Global Student Prize ki rashi) सात करोड़ रुपए है। यह बड़ी राशि उस छात्र को दिया जाता है जिसने पढ़ाई और समाज पर वास्तविक प्रभाव डाला है। भारत की यह प्रतिभाशाली लड़की झारखंड की 18 वर्षीय सीमा कुमारी (Global Student Prize Seema Kumari)  है। सीमा ने प्रतिष्ठित हार्वर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ाई शुरू की है।

रांची की सीमा कुमारी (Seema Kumari ranchi) को दुनियाभर के 94 देशों के 3,500 से अधिक नामांकन और आवेदनों में से शीर्ष 10 में चुना गया है। सीमा ने अपने रूढ़िवादी गांव के पालन-पोषण और बाल विवाह के मानदंड को पार कर लिया तथा महिला सशक्तिकरण संगठन 'युवा' की मदद से अपनी पढ़ाई पर ध्यान लगा रही है।  

 सीमा कुमारी (फोटोः सोशल मीडिया)

फाइनलिस्ट बनने पर क्या कहा? (Global student prize finalists) 

टॉप 10 फाइनलिस्ट बनने पर सीमा ने कहा, 'मैं Chegg.org ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज 2021 के लिए शीर्ष 10 में शामिल होने पर उत्साहित हूं। मुझे उम्मीद है कि 'युवा' के लिए और अधिक मदद मिलेगी। मेरी तरह बाल विवाह से बचने और आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने में अधिक लड़कियों को मदद मिलेगी। 

अंग्रेजी को नहीं बनने दी बाधा 

सीमा कुमारी ने 'युवा' द्वारा संचालित एक फुटबॉल टीम में खेलना शुरू किया था। जब युवा ने 2015 में लड़कियों के लिए एक स्कूल खोला, तब सीमा अपने खाली समय में ही अपने कौशल से कोचिंग फुटबॉल सत्र का उपयोग कर स्कूल की फीस का भुगतान करने में सक्षम थीं। सबसे पहले, उसे नए पाठ कठिन लगे। क्योंकि, वह अंग्रेजी भाषा में थे। एक ऐसी भाषा जिसे उसके गांव में कोई नहीं जानता था। सीमा ने सामाजिक दबाव के खिलाफ अपनी बात रखी। परिणामस्वरूप उनके समुदाय पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ा। 

कौशल तथा अन्य विषयों पर कार्यशालाओं का नेतृत्व

सीमा की अगुवाई में उसके सभी छह चचेरे भाई युवा फुटबॉल टीमों में शामिल हो गए। इनमें से पांच युवा स्कूल में शामिल हो गए। सीमा युवा लड़कियों के लिए 'जीवन कौशल' सहित विषयों पर कार्यशालाओं का नेतृत्व करती हैं। इससे उन्हें आत्मविश्वास हासिल करने में मदद मिलती है। साथ ही, उनके गांवों में अपमानजनक व्यवहार की रिपोर्ट करने और उनका विरोध करने में मदद मिलती है।

2019 में अमेरिका में पढ़ाई के लिए चुनी गईं 

साल 2019 में, सीमा कुमारी 'कैनेडी-लुगर यूथ एक्सचेंज एंड स्टडी प्रोग्राम' का हिस्सा बनीं। इस तरह वह अमेरिका में एक पूर्ण शैक्षणिक वर्ष पूरा करने के लिए भारतभर से चुने गए 40 छात्रों में से एक बन गईं। सीमा ने 'ए ग्रेड' के साथ अपना वर्ष पूरा किया। इस वर्ष (2021) सीमा ने स्कॉलरशिप के पैसों पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई शुरू की। 

जीतीं तो राशि मदद के लिए खर्च करेंगी

एडटेक फर्म 'चेग' की गैर-लाभकारी शाखा Chegg.org की प्रमुख लीला थॉमस ने बताया कि 'सीमा सहित हमारे सभी फाइनलिस्ट दुनियाभर में साहसी और मेहनती छात्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये सभी अपने भविष्य के लिए लड़ रहे हैं।' सीमा कहती हैं कि अगर वह ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज जीतती हैं, तो वह पैसे का उपयोग अपने गांव की महिलाओं को सुदृढ़ बनाने और उनके लिए एक छोटा व्यवसाय शुरू में खर्च करेंगी। 

 10 नवंबर को होगी विजेता की घोषणा

विजेता की घोषणा अगले महीने 10 नवंबर को पेरिस में होगी। यह घोषणा यूनेस्को के मुख्यालय में आयोजित एक समारोह के माध्यम से की जाएगी। जिसे ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज अकादमी द्वारा शीर्ष 10 फाइनलिस्टों में से चुना जाना है। वह इस पुरस्कार को लेकर काफी आशान्वित हैं। उनका कहना है कि अब तक जैसा बेहतर होता आया है । उम्मीद है कि आगे भी वैसा ही होगा। सभी 10 फाइनलिस्ट अच्छे हैं, सबके अपने सपने हैं, फ़िलहाल फैसले के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।

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