Hemant Soren: झारखंड में सियासी हलचलें तेज, सोरेन की विधायकी जाना तय, गवर्नर के फैसले पर सबकी निगाहें
Hemant Soren News: राज्यपाल रमेश बैस आयोग की ओर से भेजे गए मंतव्य के वैधानिक पहलुओं अध्ययन कर रहे हैं और माना जा रहा है कि आज वे इस पर फैसला ले सकते हैं।
Hemant Soren News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी पर संकट पैदा होने के साथ ही राज्य में सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। चुनाव आयोग आयोग की ओर से अपना मंतव्य राजभवन को भेजे जाने के बाद सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर खतरा पैदा हो गया है। जानकारों के मुताबिक आयोग ने सोरेन को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9 (ए) ए के तहत दोषी माना है। आयोग ने उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म करने की सिफारिश राजभवन को भेजी है।
राज्यपाल रमेश बैस आयोग की ओर से भेजे गए मंतव्य के वैधानिक पहलुओं अध्ययन कर रहे हैं और माना जा रहा है कि आज वे इस पर फैसला ले सकते हैं। जानकारों का मानना है कि इस मामले में सोरेन की विधानसभा सदस्यता आज रद्द हो जाएगी। सोरेन की कुर्सी पर पैदा हुए संकट के कारण राज्य में सियासी गतिविधियां अचानक काफी तेज हो गई हैं। सोरेन सरकार में शामिल कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को रांची पहुंचने का निर्देश दिया है।
नए सीएम के रूप में उछला कल्पना का नाम
चुनाव आयोग ने लाभ के पद के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दोषी ठहराया है। आयोग ने अपना फैसला राज्यपाल के पास भेज दिया है और अब राज्यपाल को इस मामले में फैसला लेना है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के सूत्रों का कहना है कि बहुमत के लिए सहमति पत्र तैयार कर लिया गया है।
अगर सोरेन पर अगला चुनाव लड़ने के लिए रोक लगाई जाती है तो झामुमो की ओर से किसी और के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश किया जा सकता है। इस रेस में कई लोगों का नाम लिया जा रहा है मगर सबसे आगे हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का नाम है।
कल्पना सोरेन पर भी लग चुका है आरोप
बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव भी एक बार यह कदम उठा चुके हैं। तब उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को आगे करके मुख्यमंत्री पद पर उनकी ताजपोशी करा दी थी। अब यही कहानी झारखंड में दोहराए जाने की चर्चाएं हैं। वैसे कल्पना सोरेन के पास कोई राजनीतिक अनुभव न होने के कारण सवाल भी उठाए जा रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास कल्पना सोरेन पर भी गंभीर आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि हेमंत सोरेन ने अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करते हुए अपनी पत्नी को 11 एकड़ जमीन आवंटित की थी।
विधानसभा का गणित महागठबंधन के पक्ष में
वैसे यदि झारखंड विधानसभा के अंकगणित को देखा जाए तो वह पूरी तरह महागठबंधन के पक्ष में है। इस कारण माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के खिलाफ फैसला आने पर भी सरकार के भविष्य पर ज्यादा असर नहीं होगा। सिर्फ मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की जरूरत होगी। वैसे इस मामले में झामुमो का अंदरूनी समीकरण भी बड़ी भूमिका निभाएगा। इसके साथ ही सहयोगी दल कांग्रेस की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
झामुमो के भीतर नेतृत्व परिवर्तन और भावी सरकार के चेहरों को लेकर मंथन शुरू हो चुका है। सियासी जानकारों का मानना है कि नेतृत्व परिवर्तन को लेकर झामुमो के भीतर भी टकराव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
भाजपा ने अभी नहीं खोले पत्ते
झारखंड के इस नए सियासी घटनाक्रम पर भाजपा ने भी निगाहें बढ़ा रखी है। भाजपा सूत्रों ने झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता की आशंका जताई है। झारखंड में बदलते समीकरण के मद्देनजर भाजपा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। पार्टी ने अभी सारे अपने सारे विकल्प खुले रखे हैं और पार्टी का कहना है कि झारखंड के विकास के लिए उचित फैसला लिया जाएगा।
पार्टी नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार प्रदेश के लोगों का विश्वास खो चुकी है और बदले हुए सियासी हालात का भाजपा को ही फायदा मिलेगा। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोरेन सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सोरेन अपनी विधानसभा सदस्यता खो चुके हैं और भाजपा के लिए यह बड़ी खुशी का पल है।
कांग्रेस ने सभी विधायकों को रांची बुलाया
राज्य में सियासी हलचल तेज होने के साथ ही कांग्रेस ने अपने निलंबित तीन विधायकों को छोड़कर बाकी सभी 15 विधायकों को रांची पहुंचने का निर्देश दिया है। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम की ओर से यह निर्देश जारी किया गया है। उन्होंने गुरुवार को अपने आवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में आगे की रणनीति पर मंथन किया। इस बैठक में मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, अध्यक्ष राजेश ठाकुर, बादल पत्रलेख, अनूप सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की समेत पार्टी के कई अन्य नेता और पदाधिकारी मौजूद थे।
राज्यपाल के फैसले के बाद बनेगी रणनीति
बैठक के बाद आलम ने बताया कि पार्टी के निलंबित 3 विधायकों को छोड़कर सभी 15 विधायकों को रांची तलब किया गया है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के सभी विधायक पूरी तरह एकजुट है और राज्यपाल का फैसला आने के बाद आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि फिलहाल सरकार पर कोई संकट नहीं है और सरकार अपना कार्यकाल पूरा करने में कामयाब रहेगी। राज्य के वरिष्ठ मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि अभी आरोप-प्रत्यारोप लगाने का समय नहीं है। राज्य की मौजूदा सरकार को जनता ने चुना है और हम इस सरकार के कार्यकाल पूरा करने के तौर-तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं।