झारखंड विधानसभा : नमाज पढ़ने के लिए अलग से कमरा और कहां है ये सुविधा, मचा बवाल

झारखंड विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए एक कमरा आवंटित किया गया...

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Published By :  Ragini Sinha
Update: 2021-09-04 11:15 GMT

झारखंड विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए कमरा दिया गया (social media)

झारखंड विधानसभा में अल्पसंख्यकों को नमाज पढ़ने के लिए नई बिल्डिंग में एक कमरा आवंटित किया गया है।  इसको लेकर झारखंड विधानसभा सचिवालय की ओर से गुरुवार को आदेश जारी किया गया है। झारखंड के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और BJP के वरिष्ठ नेता सीपी सिंह ने नाराजगी जताते हुए कहा की हमें भी परिसर में हनुमान मंदिर बनाने की अनुमति मिलनी चाहिए। अगर हमे इसकी अनुमति मिल जाती है, तो हम अपने पैसों से ही इसे तैयार करेंगे। हिंदू, सरना, सिख, जैन और झारखंड में रहने वाले सभी धर्मों के विधायकों के लिए अलग-अलग उपासना कक्ष की व्यवस्था की जाए।

2 सितंबर को जारी हुआ था आदेश

बता दें की 2 सितंबर को जारी आदेश में कहा गया था को झारखंड विधानसभा सचिवालय की  नई बिल्डिंग में कमरा नंबर TW 348 को नमाज पढ़ने के लिए आवंटित किया गया है। इस पर बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लोकतंत्र का मंदिर लोकतंत्र के मंदिर के रूप में ही रहना चाहिए। नमाज के लिए अलग कमरा आवंटित करना गलत है। हम इस फैसले के खिलाफ हैं।

Bjp इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन करेगी

वहीं,  झारखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह ने कहा कि नमाज पढ़ने के लिए जगह दे रहे हैं, तो पूजा करने के लिए हनुमानजी का मंदिर भी विधानसभा परिसर में बनाया जाए। समेट कर नहीं रखा जा सकता। लेकिन झारखंड विधानसभा में किसी वर्ग विशेष के लिए नमाज कक्ष का आवंटन किया जाना न केवल एक गलत परंपरा की शुरुआत है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के भी विपरीत है। मैं विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो से अविलंब इस निर्णय को वापस लेने का अनुरोध करता हूँ, अन्यथा भाजपा इस निर्णय के विरुद्ध सदन से लेकर सड़क तक आंदोलन करेगी।

JMS प्रवक्ता ने बीजेपी पर लगाए आरोप

वहीं, JMS के प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि भाजपा नेताओं को पता होना चाहिए कि यह नई व्यवस्था नहीं है। पुरानी विधानसभा में भी नमाज पढ़ने के लिए अलग कक्ष की व्यवस्था थी। उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से बढ़ती कीमतों और महंगाई पर कोई चर्चा नहीं की जाती, केवल धार्मिक मुद्दों को उभारा जाता है। बिहार विधानसभा में भी यह व्यवस्था लागू है। वह इस तरीके की बातें करके धार्मिक उन्माद फैलाना बीजेपी का मुख्य एजेंडा है।

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